बांग्लादेशः घनी आबादी के बीच वायु सेना की ट्रेनिंग क्यों
२३ जुलाई २०२५बांग्लादेश में जेट विमान हादसे के बाद मंगलवार को शोक का दिन घोषित किया गया. देश का झंडा आधा झुका हुआ था और उपासना स्थलों पर विशेष प्रार्थनाएं की गईं. बीते कई दशकों में देश के विमानन क्षेत्र में यह सबसे भयानक हादसा था.
हादस में कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है और 170 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. सोमवार को बांग्लादेश एयर फोर्स का एक ट्रेनिंग विमान माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज के परिसर में जा गिरा. विमान ने हादसे के कुछ ही देर पहले कुर्मीटोला एयरबेस से उड़ान भरी थी.
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता सैयदुर रहमान ने पत्रकारों को बताया, "मरने वालों में 25 बच्चे, एक शिक्षक और एक पायलट शामिल हैं." रहमान ने बताया कि कम से कम 88 लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनका शरीर पर जलने के जख्म हैं.
बांग्लादेश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने इसकी जांच का वादा किया है और इस "हृदयविदारक दुर्घटना" पर गहरा दुख जताया है.
बांग्लादेश एयर फोर्स के विमानों का सबसे घातक हादसा
एफ-7 बीजीआई चीन के डिजाइन किए चेंगदू जे-7/F-7 का एक उन्नत विमान है. बांग्लादेश ने 2011 में ऐसे 16 विमानों के लिए करार किया था. विमानों की डिलीवरी 2013 में पूरी हो गई थी.
अधिकारियों का कहना है कि सोमवार का हादसा देश में कई दशकों में हुआ सबसे घातक हादसा था. हालांकि पर्यवेक्षकों का कहना है कि इससे पहले भी कई हादसे इन विमानों के साथ हो चुके हैं.
अप्रैल 2008 में एक एफ-7 ट्रेनिंग फाइटर जेट तांगइल गांव में हादसे का शिकार हुआ था जो ढाका से 83 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में है. तकनीकी समस्या का पता चलने के बाद पायलट ने इजेक्ट कर लिया था लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.
जून 2015 में एक एफ-7 एमबी फाइटर जेट बंगाल की खाड़ी के तट पर बंदरगाहों के शहर चट्टोग्राम में हादसे का शिकार हुआ. विमान गिरने के बाद पायलट लापता हो गया.
नवंबर 2018 में एक एफ-7 बीजी विमान ट्रेनिंग के दौरान तांगइल में गिर गया जिसमें पायलट की मौत हुई. विमान ढाका से उड़ान भरने के 25 मिनट बाद ही गिर गया. जमीन पर गिरने के बाद इसमें आग लग गई.
जुल्करनैन साएर खान एक खोजी पत्रकार हैं जो लंदन में रहते हैं. उनका मानना है कि इन हादसों के बावजूद बांग्लादेश एयर फोर्स "आर्थिक जरूरतों, स्थापित बुनियादी ढांचे और आधुनिक विमानों की धीमी खरीदारी" की वजह से एफ-7 का इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने डीडब्ल्यू से कहा, "यूरोफाइटर या जेएफ 17 जेट विमानों को हासिल करने की प्रक्रिया थोड़ी आगे बढ़ी है लेकिन बांग्लादेश के सीमित बजट और खरीदारी की जटिल प्रक्रिया ने एफ-7 को फेज आउट करने की प्रक्रिया धीमी कर दी है."
खान का यह भी कहना है कि जोखिम घटाने के लिए कड़ी देखभाल और तेजी से आधुनिकीकरण जरूरी है लेकिन इनकी राह में आर्थिक और दूसरी दिक्कतें हैं.
सैन्य अड्डा कहीं और ले जाने की मांग
सोमवार के हादसे के तुरंत बाद बहुत से लोगों ने सैन्य अड्डा ढाका से कहीं और ले जाने के लिए सोशल मीडिया पर मांग रखनी शुरू कर दी. बांग्लादेश की राजधानी दुनिया में सबसे सघन आबादी वाले शहरी इलाकों में एक है. यहां करीब 300 वर्ग किलोमीटर में 2.2 करोड़ लोग रहते हैं.
राजधानी का एक बड़ा हिस्सा सेना की छावनी के अंदर आता है. बहुत से लोग मानते हैं कि सुरक्षा कारणों से इसे कहीं और ले जाया जाना चाहिए. ढाका में रहने वाली वकील सारा हुसैन ने ध्यान दिलाया है कि सेना की दूसरी छावनियां मुख्य शहर से बाहर हैं लेकिन ढाका की छावनी मेगासिटी के बिल्कुल अंदर है.
हुसैन ने कहा, "यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है जहां आम लोग नहीं जा सकते इसकी वजह से ज्यादा समस्या है. यहां दो तरह के लोग क्यों होने चाहिए जिनमें एक के पास छावनी में जाने की अनुमति है और दूसरे को नहीं? दूसरे लोगों के लिए यहां का रास्ता बंद है. मुझे इसका कोई औचित्य नहीं दिखता."
ढाका में स्थानीय पत्रकार जायमा इस्लाम ने सेना के इस दावे पर संदेह जताया है कि हादसे की वजह "मशीनी खराबी" थी. डेली स्टार के रिपोर्टर ने डीडब्ल्यू से कहा, "हम जानते हैं कि सेना घनी आबादी वाले नागरिक इलाके में जेट फाइटर ट्रेनिंग कर रही थी." उन्होंने सवाल उठाया, "ढाका जैसे बेहद घनी आबादी वाले इलाके में सेना की ट्रेनिंग करने चाहिए या नहीं." इस्लाम ने यह भी कहा, "मां बाप के लिए यह उचित नहीं है कि अपने बच्चे को स्कूल भेजें और बाद में उनके शव उठाएं."
'घनी आबादी में ट्रेनिंग पर रोक लगे'
कई दशकों से बांग्लादेश एयर फोर्स देश के प्रमुख नागरिक हवाई अड्डे के रनवे का इस्तेमाल ट्रेनिंग के लिए कर रही है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि साझा रनवे का एप्रोच पाथ जिसे विमानन में "फाइनल" कहा जाता है वह घनी आबादी वाले इलाके के ऊपर करीब 6-8 नॉटिकल मील तक गुजरता है. यहां पर यह स्कूल करीब 1.9 नॉटिकल मील पर है जहां रनवे का टचडाउन प्वाइंट है.
सारा हुसैन का कहना है कि सोमवार की घटना के बाद सरकार को सघन आबादी वाले इलाके में एयरफोर्स की ट्रेनिंग रोकने के लिए एक प्रशासनिक आदेश निकालना चाहिए. हुसैन ने डीडब्ल्यू से कहा, "हादसा अवांछित था और इससे बचा जा सकता था. प्रशासनिक आदेश तुरंत जारी होना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके. सेना और एयरफोर्स के पास कई खुले इलाके हैं जहां ऐसी ट्रेनिंग हो सकती है. इन्हें इस तरह की घनी आबादी वाले इलाके में ट्रेनिंग की जरूरत नहीं है."
'खराब शहरी योजना'
सारा हुसैन का कहना है कि जांच से यह पता लगाया जाना चाहिए इन इलाकों में ट्रेनिंग कराने का आदेश किसने दिया था और इसमें जो जोखिम हो सकता था उसका आकलन किया गया था नहीं. खान ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने की मांग की.
हालांकि खोजी पत्रकार खान का मानना है कि बांग्लादेश एयर फोर्स "जान बूझ कर" घनी आबादी वाले इलाकों में ट्रेनिंग नहीं कर रही थी, बल्कि ये "समस्या खराब शहरी योजना" की है. उन्होंने कहा, "असल समस्या खराब शहरी योजना और जोन के नियमों की कमी की है जिसने बेहद जोखिम वाले विमानन क्षेत्र में स्कूल बनाने की इजाजत दी."