ऑस्ट्रेलिया: तट पर फंसीं 157 व्हेलों के बचने की उम्मीद नहीं
१९ फ़रवरी २०२५समुद्री विशेषज्ञों ने ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया राज्य में एक दूर-दराज समुद्र तट पर फंसीं 157 फॉल्स किलर व्हेल मछलियों को बचा पाने की उम्मीद छोड़ दी है. मंगलवार, 18 फरवरी की दोपहर राज्य के आर्थर रिवर इलाके में उत्तर-पश्चिमी तट पर 157 व्हेलें मिली थीं. राज्य के प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण विभाग ने बताया कि पशु चिकित्सकों समेत कई विशेषज्ञ बुधवार को मौके पर मौजूद थे.
घटना की निगरानी कर रहीं शेली ग्राहम ने बताया कि समुद्र और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण व्हेलों को बचाने में मुश्किलें आईं. ये मुश्किल समुद्री हालात कई दिनों तक बने रहने की संभावना है. ग्राहम ने बुधवार को एक बयान में कहा, "हम आज सुबह समुद्र में गए और दो व्हेलों को वापस पानी में छोड़ने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए. समुद्र की स्थिति व्हेलों को शुरुआती बाधा पार नहीं करने दे रही. ये जानवर लगातार फिर फंस रहे हैं."
विभाग ने बताया कि बुधवार, 19 फरवरी की सुबह तक 136 व्हेल जीवित थीं. अनुमान लगाया गया कि इनमें से करीब 90 व्हेलों को बचाया जा सकता है. लेकिन समय बीतने के साथ उम्मीद जाती रही. अब समुद्री जीवविज्ञानी क्रिस कार्लयन ने बताया कि इन फंसीं हुई व्हेलों को मारने का ही विकल्प बचा है. कार्लयन ने कहा, "ये जानवर जितनी देर तक फंसे रहेंगे, उतनी ही देर कष्ट में रहेंगे. सभी वैकल्पिक कोशिशें असफल रही हैं." समुद्र तट तक पहुंचने में मुश्किलें, समुद्र की स्थिति और दूरदराज के क्षेत्र में विशेष उपकरण लाने की चुनौतियों ने बचाव कार्य को और जटिल बना दिया.
आधी रात में फंसनी शुरु हुईं व्हेलें
आर्थर रिवर कस्बे की निवासी जोसलिन फ्लिंट ने बताया कि उनके बेटे ने आधी रात के आसपास फंसी व्हेल को देखा था. उन्होंने बताया कि वह खुद सुबह के अंधेरे में वहां गई थीं लेकिन फंसी व्हेलें इतनी बड़ी थीं कि उन्हें फिर से पानी में पहुंचाना मुमकिन नहीं था. फ्लिंट ने बुधवार सुबह कहा, "पानी लगातार ऊपर उठ रहा था और वे छटपटा रही थीं. वे बस मर रही हैं, रेत में धंस गई हैं. मुझे लगता है बहुत देर हो चुकी है. इनमें नन्ही व्हेलें भी हैं. एक छोर पर, बहुत सारी बड़ी व्हेल हैं. यह बहुत दुखद है."
व्हेल, पृथ्वी पर सबसे बड़ी जीव प्रजाति है. इस घटना में बहकर तट तक आ जाने वाली व्हेलों में, छोटी व्हेल का वजन मात्र 500 किलोग्राम था, जबकि वयस्कों का वजन करीब 3 मीट्रिक टन तक था. प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण विभाग के अधिकारी ब्रेंडन क्लार्क ने बताया कि तस्मानिया में 1974 के बाद से फॉल्स किलर व्हेल फंसने का यह पहला मामला है. उस समय उत्तर-पश्चिमी तट के पास एक बीच पर 160 से अधिक व्हेल मछलियों का झुंड फंसा था.
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तस्मानिया में आमतौर पर पायलट व्हेल फंसती हैं. क्लार्क ने ताजा घटना के कारणों पर कोई भी अटकल लगाने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सुराग के लिए मृत व्हेल के शवों की जांच की जाएगी. साथ ही बताया कि 18 फरवरी की दोपहर, घटनास्थल से करीब 10 किलोमीटर इलाके में हेलीकॉप्टर से जांच की गई. इस हिस्से में कोई अन्य व्हेल नहीं फंसी थी.
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
ऑस्ट्रेलियाई इतिहास में व्हेल फंसने की सबसे बड़ी घटना 2020 में देश के पश्चिमी तट पर मैक्वारी बंदरगाह के पास हुई. तब 470 लॉन्ग-फिन्ड पायलट व्हेलें रेत के टीलों पर फंस गई थीं. 2022 में इसी बंदरगाह पर करीब 230 पायलट व्हेलें फंसी थीं. दोनों मौकों पर ज्यादातर फंसी व्हेलें मर गई थीं. 2024 में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के एक समुद्र तट पर लगभग 160 पायलट व्हेल फंसी पाई गईं, जिनमें से कई मर गईं. व्हेल क्यों समुद्री तटों पर फंस जाती हैं, इसके कारण स्पष्ट नहीं हैं. हालांकि, तेज आवाज से होने वाला दिशाभ्रम, बीमारी, ज्यादा उम्र, चोट, शिकारियों से भागना और खराब मौसम बड़े कारक हो सकते हैं.
आरएस/वीके (एपी, एएफपी)