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पुरी रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़

२९ जून २०२५

भारत में एक बार फिर भगदड़ में लोगों की जान गई है. इस साल की यह चौथी घटना है जब भगदड़ में लोग मारे गए हैं. कई लोगों ने सरकार और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं.

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पुरी रथ यात्रा
पुरी की रथ यात्रा में भगदड़ में कई लोगों की जान गईतस्वीर: Barun Ghosh/DW

रविवार सुबह पुरी के गुंडिचा मंदिर के पास रथ यात्रा के दौरान भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई. घटना सराधाबली में उस समय हुई जब पूजा-अर्चना के दौरान भारी भीड़ में दो वाहन घुस गए और भगदड़ की स्थिति बन गई.

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 50 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से छह की हालत गंभीर है. कई अन्य लोगों को प्राथमिक चिकित्सा के बाद घर वापस भेज दिया गया है, जबकि घायल लोगों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है.

ओडिशा के कानून मंत्री वृद्धिमान प्रतिभीराज हरीचंदन ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी को घटना की जानकारी दी गई है और जांच शुरू कर दी गई है. उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया. मुख्यमंत्री माजी ने कहा कि लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा.

हरिचंदन ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. भीड़ को संभालने की हरसंभव कोशिश हो रही है और घटना की जांच की जा रही है."

कैसे हुई दुर्घटना

घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया. डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. वहां मौजूद लोगों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि घटना के समय पुलिस और कर्मचारी तैनात नहीं थे. सुबह करीब 4 बजे यह घटना हुई जब दो वाहन गुंडिचा मंदिर के नजदीक भीड़ में घुस गए. इससे भारी हंगामा मच गया और लोग ठोकरों से गिरने लगे. पत्रकारों से बातचीत में एक मृतक के पति ने आरोप लगाया कि अग्निशमन विभाग, राहतकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों ने प्रतिक्रिया देने में देर की.

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल प्रमुख नवीन पटनायक ने भगदड़ पर शोक जताया और राज्य सरकार की तीखी आलोचना की. पटनायक ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "पुरी के सरधाबली में हुई भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मृत्यु से बेहद दुखी हूं. मैं उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं कि घायलों को शीघ्र स्वस्थ करें."

नवीन पटनायक ने इस हादसे को प्रशासन की "गंभीर विफलता" बताया और कहा कि यह घटना यह साबित करती है कि राज्य सरकार "श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने में असफल रही है." उन्होंने लिखा, "आज की भगदड़, जो रथ यात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की पहले से ही विफलता के अगले दिन हुई, सरकार की साफ अक्षमता को उजागर करती है."

पटनायक ने यह भी कहा कि चश्मदीदों के मुताबिक, शुरुआती राहत कार्य सरकारी तंत्र की बजाय पीड़ितों के परिजनों ने शुरू किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन मौके पर मौजूद ही नहीं था.

उन्होंने आरोप लगाया कि "नंदीघोष रथ खींचने में हुई असामान्य देरी को 'महाप्रभु की इच्छा' कहकर टालने की कोशिश की गई, जो प्रशासनिक जिम्मेदारी से बचने का एक चौंकाने वाला बहाना है."

पटनायक ने कहा कि "हालांकि मैं सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप नहीं लगाना चाहता, लेकिन उनकी लापरवाही ने इस त्रासदी में योगदान दिया है."

पंडालों में सवाल

पुरी रथ यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शामिल होती है. अनुमान है कि इस साल भी करीब 10–11 लाख लोग हिस्सा ले रहे थे. इस भारी भीड़ के साथ मुख्य रथ सराधाबली से गुंडिचा मंदिर की ओर बढ़ रहे थे. इस विशाल भीड़ में पहले ही नियंत्रण कमजोर दिखा. शनिवार को भारी गर्मी और भीड़ के कारण कई लोग बेहोश हो गए थे और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा था.

शुक्रवार को भीड़ बढ़ जाने की वजह से चक्रराज की यात्रा धीमी हुई थी. इससे पहले रथ यात्रा के दौरान ‘पहांडी' की प्रक्रिया को लेकर भी यही रोक-टोक देखने को मिली थी. 'पहांडी' एक विशेष धार्मिक प्रक्रिया है जो ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान होती है. यह वह रस्म है जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र, और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को श्री मंदिर से निकालकर रथों तक ले जाया जाता है. तब भीड़ पर काबू पाना काफी मुश्किल हो गया था. रविवार को भी बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जिससे भगदड़ को काबू करना मुश्किल हो गया.

इस तरह की भीड़ से जुड़ी दुर्घटनाएं भारत में बार-बार हो रही हैं. इसी महीने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल में जीत की खुशी में निकले जुलूस के दौरान भगदड़ मची थी. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर इस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हुए.

जनवरी में प्रयाग कुंभ-मेले के कारण भीड़ बढ़ोतरी 29 जनवरी को भगदड़ मचने से दर्जनों लोग मारे गए थे. हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 मौतें बताई गईं लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में इन मौतों की संख्या कहीं ज्यादा बताई गई. उसके बाद 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

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