लीथियम के विशाल भंडार में छिपे अर्जेंटीना के सुख दुख
अर्जेंटीना में लीथियम का विशाल भंडार है जो अक्षय ऊर्जा के लिए बेहद जरूरी है. हालांकि बड़े पैमाने पर इसकी खुदाई स्थानीय समुदायों के लिए समस्या बन रही है. उनकी जमीनों का पानी धीरे धीरे खत्म हो रहा है.
लातिन अमेरिका का 'लिथियम ट्राएंगल'
पड़ोसी देशों चिली और बोलिविया के साथ मिल कर अर्जेंटीना लातिन अमेरिका में कथित 'लिथियम ट्राएंगल' बनाता है. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक अब तक दुनिया भर में 8.9 करोड़ टन लिथियम के भंडार का पता चला है जिसका 56 फीसदी हिस्सा इसी इलाके में है. अर्जेंटीना लिथियम का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है.
ऊर्जा क्षेत्र का 'सफेद सोना'
हाल के वर्षों में लिथियम भूराजनीतिक रूप से बहुत जरूरी कच्चा माल बन गया है. यह लिथियम आयन बैट्रियों के लिए सबसे जरूरी चीज है खासतौर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए. यही वजह है कि लिथियम को आज ऊर्जा की बदलती दुनिया में अकसर 'सफेद सोना (व्हाइट गोल्ड)' कहा जाता है.
नमकीन पानी में छिपा खजाना
लिथियम हल्का धातु है जो सैकड़ों खारे पानी की झीलों में छिपा रहता है जिन्हें सोलारेस कहते हैं. खनिज से भरपूर नमकीन भूजल सतह के नीचे गहरे कुओं में मौजूद रहता है. लिथियम को निकालने का तरीका बाकी धातुओं से अलग है. यह चट्टानों को तोड़ कर नहीं निलाका जाता बल्कि इन्हीं झीलों के नमकीन पानी से हासिल होता है.
पानी के संसधानों पर असर
असल समस्या यह है कि खारे पानी की झीलें उच्च जैव विविधता वाले इकोसिस्टम का अहम हिस्सा हैं. भले ही लगून का पानी पीने के लिहाज से उपयुक्त ना हो लेकिन ये लगून ताजे पानी के स्रोतों से भी जुड़े हैं जिस पर हजारों घरेलु समुदायों का जीवन निर्भर है.
लिथियम से आई आर्थिक संपन्नता
छोटे से टाउन सुस्का में लगभग चार हजार लोग रहते हैं. यह ओलारोज साल्ट फ्लैट के सबसे करीब बसा है. ओलारोज में अर्जेंटीना के चार में से दो लिथियम प्रोडक्शन प्लांट हैं. इस टाउन की 60 फीसदी आबादी लिथियम के क्षेत्र में ही काम करती है.
वरदान या अभिशाप
23 साल की अनाही खोर्खे लिथियम की खुदाई करने वाली अर्जेंटीना की कंपनी में काम करती हैं. वह सास्को के सरकारी कर्मचारी की तुलना में चार गुना ज्यादा पैसा कमाती हैं. हालांकि उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "पानी का मसला हमारे लिए नुकसानदेह है लेकिन यह उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें नौकरी मिली है."
सास्को की बढ़ गई मांग
सास्को जिला मुख्यालय है और अर्जेंटीना के सुदूर उत्तर पश्चिमी इलाके के होहोई प्रांत में है. लिथियम प्लांट बनने से पहले अनाही खोर्खे जैसी युवतियों के पास नौकरी के लिए प्रांतीय राजधानी जाने के अलावा और कोई चारा नहीं था. वहां भी उन्हें घरों में नौकरानी का ही काम मिलता था. उनका कहना है, लिथियम के वरदान को "ठुकराना बहुत कठिन है."
खुदाई के विरोध की आवाजें
सालिनास ग्रांदे के एक साल्ट लेक के पास कार्यकर्ताओं ने बोर्ड लगाया है जिस पर लिखा है, "मेगा-माइनिंग को ना. आइए प्राकृतिक संसाधनों का ख्याल रखें." यह इलाका पहले से ही सूखे के लंबे दौर से जूझता रहा है ऐसे में भूजल के संसाधनों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता बढ़ रही है. हरेक लिथियम प्लांट हर दिन लाखों लीटर पानी का इस्तेमाल धातु निकालने के लिए करता है.
स्थानीय समुदायों की समस्याएं
स्थानीय निवासी नाटिविदाद बाउतिस्ता सारापुरा समझाते हैं कि इस जमीन में अब शायद ही कोई पानी बचा है. उनका कहना है, "पहले 2-3 मीटर नीचे पानी मिल जाता था अब बहुत गहराई तक खोदना पड़ता है." एक पर्यावरण समूह के मुताबिक ओलारोज जैसी प्लांट हरेक टन लिथियम के लिए 20 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा इसे शुद्ध करने के लिए 140,000 लीटर अतिरिक्त ताजे पानी की जरूरत होती है.