डायपर बदलने वाला रोबोट
जापानी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो बुजुर्गों की देखभाल कर सकता है. जापान में देखभाल के क्षेत्र में कर्मचारियों की भारी किल्लत को यह रोबोट पूरा कर सकता है.
देखभाल करने वाला रोबोट
जापान की बूढ़ी होती आबादी के कारण देखभाल करने वाले कर्मचारियों की कमी हो रही है. इसलिए वैज्ञानिक बूढ़े लोगों की देखभाल के लिए एआई से चलने वाले रोबोट विकसित कर रहे हैं.
खास डिजाइन
दुनिया भर में ह्यूमनॉयड रोबोट विकसित किए जा रहे हैं, लेकिन वे आमतौर पर घरेलू काम या फैक्ट्रियों में काम करने तक सीमित हैं, जबकि एआईआरईसी को विशेष रूप से बूढ़े लोगों की देखभाल के लिए डिजाइन किया गया है.
डायपर भी बदल सकता है
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित 150 किलो वजन वाला ह्यूमनॉयड रोबोट एआईआरईसी बेड पर लेटे इंसान का डायपर बदल सकता है. वह लोगों को करवट बदलने में भी मदद कर सकता है.
स्लीपिंग सेंसर्स
वृद्ध देखभाल केंद्र जेंकोकाई जैसी कई कंपनियां कर्मचारियों की कमी से निपटने के लिए तकनीकी समाधान तलाश रही हैं. इनमें निवासियों की सोने की स्थिति की निगरानी करने वाले स्लीप सेंसर्स भी शामिल हैं.
वासेदा यूनिवर्सिटी का प्रोजेक्ट
इस रोबोट को विकसित किया है शिगेकी सुगानो ने जो वासेदा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं. इस प्रोजेक्ट में सरकार ने भी धन से मदद की है. सुगानो का एआईआरईसी रोबोट बैठने, खाना पकाने और कपड़े तह करने जैसे कामों में भी मदद कर सकता है.
छह लाख रुपये कीमत
यह रोबोट 2030 तक देखभाल सुविधाओं में उपयोग के लिए उपलब्ध होगा और इसकी शुरुआती कीमत कम से कम 10 लाख येन यानी करीब छह लाख रुपये होगी.
मिलकर काम करेंगे
रोबोटिक्स एक्सपर्ट ताकाकी इटो का कहना है कि रोबोट बहुत काम के साबित होंगे लेकिन भविष्य में रोबोट और इंसान को इस क्षेत्र में मिलकर काम करना होगा. वीके/एवाई (रॉयटर्स)