एक साल से कोसोवो में "फंसे" अफगान
अफगानिस्तान से विस्थापित हुए लोग एक साल बाद भी कोसोवो में फंसे हुए हैं जिन्हें अमेरिका ने मदद का भरोसा दिया था. उनके सामने कोई रास्ता नहीं नजर आता.
कोसोवो की यात्रा
ये पिछले साल अगस्त की तस्वीर है, जब अफगान नागरिक देश छोड़ कर कोसोवो आ गए थे. उस समय अमेरिका ने ऐसे लोगों की देश से निकासी में मदद की थी.
नहीं मिला पक्का ठिकाना
अमेरिका का कोसोवो सरकार के साथ एक समझौता था कि कोसोवो लाए गए अफगानों को एक साल के भीतर अमेरिका या तीसरे देश में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. एक साल बाद भी अफगानों को यहां कैंपों में रहना पड़ रहा है.
"मेहमान नहीं, कैदी की तरह"
अफगान शरणार्थियों को कोसोवो में अमेरिकी बेस कैंप बॉन्डस्टील के बगल में कैंप लीया नामक एक अस्थायी शिविर में रखा गया है. वहां मौजूद एक अफगान ने नाम न छापने की शर्त पर डीडब्ल्यू को बताया कि पहले तो उन्हें मेहमान के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब उन्हें कैदियों की तरह देखा जाता है.क्योंकि उन्हें कैंप से बाहर जाने की इजाजत नहीं है.
अमेरिका जाने लायक नहीं!
कैंप लीया में अभी भी उन लोगों के एक तबके को अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और बाकियों के बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. डीडब्ल्यू से बात करने वाले अफगान शरणार्थी ने कहा, "आठ महीने के बाद उन्होंने हमें बताया कि हम अमेरिका जाने के योग्य नहीं हैं."
कैंप में विरोध प्रदर्शन
शिविर में रहने वाले अफगान इस जेल जैसी जिंदगी से तंग आ चुके हैं और जून महीने में यहां विरोध प्रदर्शन भी किया था. उन्होंने पोस्टर में लिखा था, "हमें न्याय चाहिए. हम अपराधी नहीं हैं."
पूर्व अफगान खुफिया प्रमुख भी शिविर में
जब 2001 में ट्विन टावर्स पर हमले के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तब अफगान खुफिया प्रमुख मोहम्मद आरिफ सरवरी देश में सीआईए के संपर्क का मुख्य बिंदु थे. वही सरवरी अब इस कैंप लीया में हैं और अमेरिका में दाखिल होने के इंतजार में हैं.