600 रुपये में बाघ का पेशाब बेच रहा है यह चिड़ियाघर
चीन का एक मशहूर चिड़ियाघर इन दिनों खूब चर्चा में है. लेकिन यहां मौजूद जानवरों की वजह से नहीं बल्कि बाघ का पेशाब बेचने की वजह से. क्या है पूरा किस्सा आइए जानते हैं.
600 रुपये में बाघ का पेशाब
चीन के सिचुआन प्रांत में मौजूद येन बाइफेंक्सिया वाइल्डलाइफ जू सोशल मीडिया पर इन दिनों चर्चा में है. एक यूजर ने जानकारी दी कि ये चिड़ियाघर 50 युआन (करीब 600 रुपये) में साइबेरियन बाघ का पेशाब बेच रहा है.
कई बीमारियों का इलाज
चिड़ियाघर की तरफ से ऐसा दावा किया गया है कि बाघ के पेशाब का इस्तेमाल करके गठिया, मोच और मांसपेशियों के दर्द को ठीक किया जा सकता है. चिड़ियाघर ने बोतलों पर बाकायदा लेबल लगाकर 250 ग्राम पेशाब की ये कीमत तय की है.
वाइन में मिलाना होगा
चिड़ियाघर की तरफ से बताया गया है कि बाघ के पेशाब को सफेद वाइन में मिलाकर अदरक के टुकड़े के साथ लगाने से फायदा मिल सकता है. हालांकि किसी भी तरह की एलर्जी होने पर इसका इस्तेमाल नहीं करने की सलाह भी दी गई है.
कैसे इकट्ठा करते हैं पेशाब
स्थानीय मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने बताया है कि बाघों के पेशाब करने के बाद उसे एक बर्तन में इकट्ठा किया जाता है. हालांकि बिक्री से पहले उसे साफ किए जाने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.
नहीं हुई ज्यादा बिक्री
इस अनोखी पेशकश के बावजूद फिलहाल इन बोतलों की बिक्री बहुत कम है. रिपोर्ट्स के अनुसार दिन भर में बस दो बोतलें ही बिक पा रही हैं. इस चिड़ियाघर ने 2014 में एक रियलिटी शो के विजेताओं को पुरस्कार के रूप में बाघ का पेशाब दिया था.
विशेषज्ञ क्या कहते हैं
माडिया को दी गई जानकारी के अनुसार एक फार्मासिस्ट ने बाघ के पेशाब को पारंपरिक दवा मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है, "बिना किसी सबूत के इसके बारे में अफवाहें फैलाने से न सिर्फ पारंपरिक चिकित्सा की छवि खराब होती है बल्कि बाघों के संरक्षण को भी नुकसान पहुंचता है."
नहीं हुआ असर
चिड़ियाघर से बाघ का पेशाब खरीदने वाले एक शख्स ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मैंने अपने पिता के लिए एक बोतल खरीदी थी लेकिन इसका उन पर कोई असर नहीं हुआ, इसलिए मुझे नहीं लगता यह काम करता है. वहीं एक अन्य शख्स ने इससे बैक्टीरिया फैलने का डर भी बताया है.
बहादुरी और ताकत का प्रतीक बाघ
चीनी संस्कृति में बाघ को बहादुरी और ताकत का प्रतीक बताया गया है. कुछ चीनी ग्रंथों में बाघ की हड्डियों से गठिया और मिर्गी जैसी बीमारियों के इलाज का दावा किया गया है लेकिन चीन की सरकार ने इसके इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया है.