ट्रंप के टैरिफ का भारत में बने आईफोन पर क्या असर पड़ेगा
प्रकाशित ३१ जुलाई २०२५आखिरी अपडेट ३१ जुलाई २०२५अमेरिकी टैरिफ से 2025 की पहली छमाही में 87 अरब डॉलर की कमाई
संयुक्त राज्य अमेरिकाने 2025 के पहले छह महीनों में टैरिफ से पिछले साल की तुलना में ज्यादा कमाई की. यह जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने सरकारी आंकड़ों को खंगालने के बाद दी.
बुधवार को जारी किए गए नए मासिक आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत तक टैरिफ से 87 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई हुई. यह टैरिफ राजस्व में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है.
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, जनवरी से अप्रैल तक औसत अमेरिकी टैरिफ दर 2.5% से बढ़कर अनुमानित 27% हो गई, जो एक सदी में सबसे बड़ा स्तर है. हालांकि, नीतिगत बदलावों के बाद, जुलाई 2025 तक यह दर 18.2% अनुमानित की गई थी.
चिली के डार्विन मेंढकों को बचाने की नई पहल
चिली ने लुप्तप्राय डार्विन मेंढक को बचाने के लिए एक नया प्रयास शुरू किया है. यह एक छोटा उभयचर है जिसकी त्वचा पत्ती जैसी होती है. नर डार्विन मेंढक अपने मुंह में थैलियों के भीतर टैडपोल रखते है.
चिली सरकार की जलवायु परिवर्तन और स्थिरता समिति की पहल का उद्देश्य निजी भूमि मालिकों के साथ मिलकर काम करते हुए आवासों और प्रजनन क्षेत्रों की रक्षा करना है. इसका लक्ष्य, अगर संभव हो तो डार्विन मेंढक की नई आबादी की खोज करना तथा वर्तमान आबादी के निवास क्षेत्र में पर्याप्त बढ़ोतरी करना है. 3 सेंटीमीटर (1.18 इंच) लंबे इस मेंढक की खोज चार्ल्स डार्विन ने 1834 में अपनी विश्व यात्रा के दौरान चिली के दक्षिणी चिलो द्वीप में की थी.
एआई से किन नौकरियों को सबसे ज्यादा और सबसे कम खतरा: माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च
माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्च विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि एआई से सबसे ज्यादा और कम प्रभावित होने वाली नौकरियां कौन सी हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि ब्लू-कॉलर नौकरियां, जिनमें कई लोग या मशीनों के साथ काम किया जाता है, उनके एआई से मदद लेने की संभावना सबसे कम हैं और इसलिए उन्हें एआई से सबसे कम प्रभावित लोगों के रूप में बताया गया है.
ऐसे लोगों में बर्तन धोने वाले, मसाज थेरेपिस्ट, मकान बनाने वाले, घर के काम में मदद करने वाले और हाउसकीपिंग क्लीनर जैसी भूमिकाएं शामिल हैं.
एआई से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली शीर्ष नौकरियां के बारे में भी बताया गया है. जिनको करने के लिए चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई चैटबॉट्स की मदद ली जाती है. माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक ट्रांसलेटर, इतिहासकार, पैसेंजर अटेंडेंट, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, लेखक, ग्राहक सेवा प्रतिनिधि, सीएनसी टूल प्रोग्रामर, टेलीफोन ऑपरेटर, टिकट एजेंट और बुकिंग क्लर्क, ब्रोकरेज क्लर्क, टेलीमार्केटर, प्रूफ रीडर, जनसंपर्क विशेषज्ञ, डेटा वैज्ञानिक आदि प्रोफेशनल्स की नौकरियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं.
ट्रंप के टैरिफ का भारत में बने आईफोन पर क्या असर पड़ेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है. इसका मतलब है भारत में बनी चीजें विदेश में महंगी बिकेंगी. इससे भारतीय निर्यात प्रभावित होगा. जिन कंपनियों पर असर होगा, उनमें एप्पल भी शामिल है. भारत में बने आईफोन पर टैरिफ का असर पड़ेगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मार्केट एक्सपर्ट्स के हवाले से बताया है कि अमेरिकी ग्राहकों के लिए आईफोन के दाम बढ़ सकते हैं.
एप्पल ने आइफोन मैन्युफैक्चरिंग का काफी काम भारत में शुरू कर दिया है. मार्च से मई के बीच फॉक्सकॉन ने भारत से निर्यात किए गए लगभग 3.2 अरब डॉलर के आईफोन अमेरिका में बेचे.
एप्पल की रणनीति के एक जानकार ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, "अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि ट्रंप के फैसले भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग के भविष्य में क्या बदलाव करेंगे, क्योंकि ये योजनाएं लंबे समय के लिए बनाई जाती हैं."
भारत बना नई पसंद
लंबे समय तक चीन पर निर्भरता के बाद एप्पल ने हाल ही में भारत में अपने केंद्र बनाए हैं. काउंटरपॉइंट की रिसर्च के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच अमेरिका में बेचे गए 71 फीसदी आईफोन भारत से आए थे. एक साल पहले यह आंकड़ा 31 फीसदी था. इस बीच, एप्पल का चीन के साथ व्यापार भी घटा है.
विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ के बावजूद भारत में आईफोन निर्माण को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचेगा. पहले की तुलना में अब कंपनी के लिए भारत में काम करने का खर्च कम हो गया है. एप्पल के लिए आईफोन बनाने वाले देशों के मामले में भारत, चीन को कड़ी टक्कर दे रहा है.
रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने रॉयटर्स को बताया, "नए आईफोन मॉडल बाजार में आने वाले हैं, इसलिए सप्लाई में हमें कोई खास बदलाव करने की जरूरत नहीं दिखाई दे रही है."
ट्रंप ने एप्पल को अमेरिका से बाहर जाकर काम करने के लिए निशाना बनाया था. उन्होंने मई में सीईओ टिम कुक के लिए कहा था कि हमने चीन में आपके काम को सालों तक सहन किया और अब आप भारत जा रहे हैं. भारत अपना ख्याल खुद रख सकता है.
राहुल गांधी के पास 'वोट चोरी' के सबूत हैं: सिद्धारमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास पिछले साल राज्य में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान 'वोट चोरी' के सबूत हैं. राहुल गांधी 5 अगस्त को बेंगलुरु में एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे और चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलेंगे.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि देश में चुनावों में 'चोरी' हो रही है. उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक के एक विशेष लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सर्वे करके 'वोट चोरी' के तरीके का पता लगा लिया है. उन्होंने चुनाव आयोग से मिलकर इसका सबूत पेश करने की बात कही है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार सिद्धारमैया ने कहा, "राहुल गांधी के पास सबूत हैं. वह यहां विरोध करने और कर्नाटक में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने आ रहे हैं."
2024 के लोकसभा चुनावों में, कर्नाटक की कुल 28 सीटों में से भाजपा ने 17 सीटें और उसके सहयोगी जेडीएस ने दो सीटें हासिल कीं, जबकि कांग्रेस को नौ सीटें मिलीं.
अमेरिकी टैरिफ पर लोकसभा में सरकार ने दिया जवाब
भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाए जाने की ट्रंप की घोषणा के बाद भारत सरकार ने इस पर पहली प्रतिक्रिया दी है. लोकसभा में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "हम अपने घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करेंगे, हम राष्ट्रहितों पर प्रतिबद्ध हैं." उन्होंने कहा, "देशहित में जरूरी हर कदम उठाएंगे. विश्व के विकास में भारत का योगदान 16 फीसदी है और हम दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं."
उन्होंने लोकसभा को बताया कि अमेरिका के इस कदम से होने वाले असर का आकलन किया जा रहा है. ट्रंप के टैरिफ को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि भारत और अमेरिका के बीच यह डील होगी. उन्होंने कहा, "इन लोगों ने सारे के सारे छोटे बिजनेस खत्म कर दिए हैं. आप देखिएगा कि ये डील होगी और ट्रंप तय करेंगे कि ये डील कैसे होगी."
गोदरेज की मदद से भगवान बुद्ध के अवशेष भारत लाई सरकार
भगवान बुद्ध के अवशेषों से जुड़े सैकड़ों रत्नों का संग्रह 127 सालों बाद हांग कांग से वापस भारत ले आया गया है. 300 से अधिक रत्नों का यह संग्रह 'पिपरहवा अवशेष' का हिस्सा हैं. यह संग्रह मौर्य साम्राज्य के समय का, करीब 240-200 ईसा पूर्व कालखंड का है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सोशल पोस्ट में रत्नों की वापसी पर खुशी जताई. मोदी ने एक्स पर लिखा, "हमारी सांस्कृतिक विरासत के लिए एक खुशी का दिन. इससे हर भारतीय को गर्व होगा." मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि औपनिवेशिक काल में पिपरहवा अवशेषों को भारत से बाहर ले जाया और अब इनकी स्वदेश वापसी हुई है.
पिपरहवा, उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एक गांव है. साल 1898 में यहां एक स्तूप की खुदाई में कई प्राचीन अवशेष मिले. इनमें हड्डियों के टुकड़े भी थे, जिनके बारे में माना जाता है कि ये भगवान बुद्ध के पार्थिव अवशेष हैं. इसके अलावा रत्न, आभूषण, सोपस्टोन और क्रिस्टल के ताबूत, एक बलुआ पत्थर का संदूक भी इस संग्रह में शामिल था. भारत के संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, भगवान बुद्ध के अनुयायियों ने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास इन्हें स्तूप में प्रतिष्ठापित किया. इन्हें भारतीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों में से एक माना जाता है.
इसी साल खबर आई कि नीलामी घर 'सदबी' इस संग्रह को हांग कांग में नीलाम करने जा रहा है. इसका विरोध करते हुए भारत सरकार ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी और रत्नों को वापस लौटाए जाने की मांग की. इसके बाद नीलामी टाल दी गई. अब सदबी ने बताया है कि भारतीय समूह 'गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप' ने रत्नों को हासिल किया और इन्हें भारत वापस लाया गया. अब इस संग्रह को स्थायी सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा.
गोदरेज समूह के कार्यकारी उपाध्यक्ष पिरोजशा गोदरेज ने कहा है, "इस ऐतिहासिक क्षण में योगदान देकर हम बहुत गौरव का अनुभव कर रहे हैं. पिपरहवा रत्न बस कलाकृति नहीं हैं. वो शांति, करुणा और मानवता की साझा विरासत के कालातीत प्रतीक हैं. भारत सरकार के साथ हमारी साझेदारी, भावी पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक विरासतों को सहेजने की हमारी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है."
हमेशा के लिए काराकोरम में ही रहेंगी लॉरा डालमायर
जर्मनी की दो बार की ओलंपिक बाएथलॉन गोल्ड मेडल विजेता लॉरा डालमायर की पाकिस्तान के पहाड़ों में चट्टानों की चपेट में आने से मौत हो गई. 31 साल की डालमायर की मौत की पुष्टि बुधवार को हुई. डालमायर की मौत पर जर्मन राष्ट्रपति ने दुख जताया है.
डालमायर की मैनेजमेंट टीम ने उनकी मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि साइट की खतरनाक प्रकृति ने रेस्क्यू के प्रयासों को असंभव बनाया. बयान में कहा गया, "लॉरा डालमायर 28 जुलाई को पाकिस्तान के काराकोरम पहाड़ों की लाइला पीक में एक पहाड़ी दुर्घटना में मारी गईं. हादसा 5700 मीटर पर चट्टानों के गिरने से हुआ."
बर्फ और पर्वतारोहण से जुड़े साहसिक खेलों में भी डालमायर के नाम कुल 17 स्वर्ण, 6 रजत और 11 कांस्य पदक थे. 2019 में पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर साहसिक खेलों से संन्यास लेने तक उनके नाम कुल 33 वर्ल्ड कप जीतें दर्ज हैं. इनमें से 20 एकल जीतें थीं.
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तेल भंडार विकसित करने पर हुआ समझौता
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक व्यापार समझौता की घोषणा की. इस सौदे के तहत वॉशिंगटन पाकिस्तान को उसके तेल भंडार विकसित करने में मदद करेगा.
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, "हमने अभी अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे."
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया में है जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी और उन्होंने यह भी कहा कि शायद वे किसी दिन भारत को भी तेल बेचेंगे.
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस समझौते की पुष्टि की, उन्होंने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान का अमेरिका के साथ समझौता संपन्न."
फलस्तीन को मान्यता देने के कनाडा के फैसले पर ट्रंप ने जताई नाराजगी
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर कनाडा फलस्तीन को मान्यता देता है तो उनके साथ किसी भी तरह का व्यापार समझौता करना बहुत मुश्किल होगा. यह सब एक टैरिफ समझौते के लिए उनकी 1 अगस्त की समय-सीमा से ठीक एक दिन पहले हुआ है.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, "कनाडा ने अभी-अभी घोषणा की है कि वह फलस्तीन के राष्ट्र बनने का समर्थन कर रहा है. इससे हमारे लिए उनके साथ व्यापार समझौता करना बहुत मुश्किल हो जाएगा."
अगर 1 अगस्त की समय-सीमा तक दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हो पाता है, तो ट्रंप अमेरिकी-मेक्सिको-कनाडा (यूएसएमसीए) व्यापार समझौते के दायरे में नहीं आने वाले सभी कनाडाई सामानों पर 35% का टैरिफ लगाने वाले हैं. कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत एक गहन चरण में थी, लेकिन सभी अमेरिकी टैरिफ हटाने वाला कोई समझौता होने की संभावना कम थी.
कनाडा, मेक्सिको के बाद अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और अमेरिकी निर्यात का सबसे बड़ा खरीदार भी है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल कनाडा ने अमेरिका से 349.4 अरब डॉलर का सामान खरीदा और अमेरिका को 412.7 अरब डॉलर का निर्यात किया.
मालेगांव ब्लास्ट केस पर विशेष अदालत ने क्या कहा
17 साल बाद मुंबई की एक विशेष अदालत ने गुरूवार को मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी सातों आरोपियों को बरी करते हुए अपनी टिप्पणी में कहा, "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा का समर्थन नहीं करता... निर्णय नैतिकता और सार्वजनिक धारणा पर आधारित नहीं हो सकते."
मामले पर रिपोर्ट करते हुए बार एंड बेंच की वेबसाइट ने लिखा, विशेष जज एके लाहोटी ने कहा, "व्यापक मूल्यांकन के बाद, अभियोजन पक्ष कोई ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा है तथा साक्ष्य असंगतियों से भरे हुए हैं."
अदालत ने अभियोजन पक्ष के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सातों आरोपियों के बीच षड्यंत्र था. अपना फैसला सुनाते हुए, अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह साबित कर दिया है कि धमाका हुआ था, लेकिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) यह साबित करने में विफल रही है कि बम मोटरसाइकिल में ही रखा गया था.
विशेष जज लाहोटी ने कहा, "यह समाज के विरुद्ध एक गंभीर घटना थी. लेकिन अदालत केवल नैतिक आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती." अदालत ने यह भी कहा कि हालांकि विस्फोट के लिए आरडीएक्स के इस्तेमाल के आरोप हैं, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के आवास पर आरडीएक्स रखा गया था, न ही इस बात का कोई सबूत है कि कर्नल पुरोहित ने बम बनाया था.
अदालत ने आगे कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि धमाके के लिए इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल प्रज्ञा सिंह ठाकुर की थी. इस मामले की जांच शुरू में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा की गई थी, जिसका नेतृत्व उस समय हेमंत करकरे कर रहे थे, जो बाद में 26/11 के मुंबई हमलों में मारे गए थे.
अब कनाडा भी देगा फलस्तीन को मान्यता, पीएम कार्नी ने की घोषणा
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने बुधवार को कहा कि कनाडा सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता दे सकता है. हाल ही में फ्रांस ने भी ऐसा एलान किया था.
कार्नी ने इस फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि इस्राएल-फलस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए यह जरूरी था. कार्नी ने कहा, "कनाडा सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में फलस्तीन को मान्यता देने का इरादा रखता है."
कार्नी ने कहा कि कनाडा की मान्यता इस बात पर निर्भर करती है कि फलस्तीनी प्राधिकरण 2026 में आम चुनाव कराए जिसमें हमास कोई भूमिका नहीं निभा सकता, और फलस्तीनी राज्य का विसैन्यीकरण किया जाए. हमास को कनाडा, अमेरिका, यूके और यूरोपीय संघ द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया है.
माग्देबुर्ग क्रिसमस मार्केट के हमलावर ने पीड़ितों को पत्र लिखकर मांगी माफी
दिसंबर 2024 में जर्मनी के माग्देबुर्ग शहर के एक क्रिसमस बाजार में लोगों की भीड़ पर कार चढ़ाकर कई लोगों को मारने वाले 50 साल के आरोपी ने अपने किए पर माफी मांगी है. सऊदी अरब के इस शख्स ने कम से कम पांच पीड़ितों को पत्र लिखकर उनसे घटना के लिए माफी मांगी है.
पिछले साल हुए इस हमले में छह लोगों की मौत हो गई थी जिसमें एक छह साल का बच्चा भी शामिल था. इस हमले में 323 लोग घायल भी हुए थे. हमलावर की तरफ से आए इन पत्रों ने पीड़ितों को चौंका दिया और उन्होंने ऐसे व्यक्ति द्वारा उनका नाम, पता मालूम होने के चलते सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.
हादसे के आरोपी, तालेब ए ने, पीड़ितों से माफी मांगी और मुस्लिम अप्रवासियों के बारे में फिर से चेतावनी दी.
ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के साथ की टैरिफ डील, लगेगा 15% टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वॉशिंगटन दक्षिण कोरिया से आने वाले सामानों पर 15 फीसदी टैरिफ लगाएगा, जो 1 अगस्त से लगने जा रहे 25 फीसदी की दर से कम है. नई दर दक्षिण कोरियाई मोटर वाहन निर्यात पर भी लागू होगी
ट्रंप ने इसे अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच एक "पूर्ण और पूर्ण व्यापार सौदा" बताया. उन्होंने कहा कि सियोल ने अमेरिकी ऊर्जा उत्पादों, जिसमें तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) भी शामिल है, के 100 अरब डॉलर की डील पर भी सहमति जताई है.
ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा, "दक्षिण कोरिया संयुक्त राज्य अमेरिका को निवेश के लिए 350 अरब डॉलर देगा." उन्होंने आगे कहा कि सियोल द्वारा अमेरिका में एक बड़ी राशि का निवेश किया जाएगा.
सिंगापुर में बच्ची का यौन शोषण करने वाले भारतीय को 14 साल की जेल
सिंगापुर में गुरुवार को एक भारतीय नागरिक को 11 साल की बच्ची का दो बार यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में 14 साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई. सिंगापुर के हाईकोर्ट द्वारा सजा पाए 58 वर्षीय रामलिंगम सेल्वासेकरन को बेंत नहीं मारे जाएंगे, क्योंकि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है. हालांकि, द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 14 साल, तीन महीने और दो हफ्ते की उसकी सजा में 15 बेंत मारने के बदले अतिरिक्त जेल की सजा शामिल है. सेल्वासेकरन अपनी दुकान में बच्ची के साथ यौन शोषण का दोषी पाया गया. यह घटना साल 2021 में हुई थी.