3 इस्राएली और 369 फलीस्तीनी छठे दौर की अदला बदली में रिहा
१५ फ़रवरी २०२५सैकड़ों इस्राएली तेल अवीव के "बंधक चौराहे" पर शनिवार को तीन बंधकों की रिहाई के मौके पर जमा हुए. उनके हाथों में हाथों में "माफी और वापसी पर स्वागत" और "संघर्ष विराम पूरा करो" लिखी तख्तियां थीं. छोटे छोटे समूहों में बंधकों के परिवार के लोग, दोस्त और रिश्तेदार जमा हुए थे.
हमास ने शनिवार को तीन लोगों को रिहा किया. इनमें इस्राएली-अमेरिकी 36 साल के सागुई डेकेलचेन, 29 साल के इस्राएली-रूसी साशा ट्रुपनोव और 46 साल के इस्राएली-अर्जेंटीनी याइर होर्न शामिल हैं.
369 फलीस्तीनी कैदी रिहा
दूसरी तरफ रिहा हुए फलीस्तीनी कैदियों की बस दक्षिणी गाजा के खान यूनिस पहुंची. यह काफिला भी रेड क्रॉस ही संभाल रहा है. रिहा हुए कैदी खुशी से शोर मचा रहे थे, जीत का निशान बना कर वहां उनके स्वागत में आए लोगों का हाथ हिला कर अभिवादन कर रहे थे. चार फलीस्तीनी कैदियों को रिहा होने के तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस्राएली बंधकों और फलीस्तीनी कैदियों की एक और अदला बदली
इस्राएल के तीनों लोगों को किबुत्स नीर ओज के उनके घरों से हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के दौरान बंधक बनाया गया था. इसके बाद 15 महीने तक इलाके में जंग चलती रही. उन्हें रिहा होते देख कर प्रियजनों की आंखें छलक पड़ीं. इन लोगों को गाजा में एक स्टेज पर वहां मौजूद भीड़ को संबोधित करने के लिए भी कहा गया. उनके चेहरे मुख्य रूप से सामने देख रहे थे.
16 महीने तक बंधक रहने के बाद आजाद होने से पहले उन्होंने हिब्रू में वहां मौजूद लोगों से कुछ कहा. इसके बाद उन्हें रेड क्रॉस के हवाले कर दिया गया. पिछले हफ्ते रिहा हुए बंधकों की तुलना में इनकी स्थिति थोड़ी ठीक लग रही थी. उनके हाथों में उपहार वाले झोले और एक प्रमाणपत्र था जिसमें उनका बंधन खत्म होने की पुष्टि की गई थी. इससे कुछ देर पहले रेड क्रॉस के एक अधिकारी ने रिहाई के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई की.
बंधकों की हालत ठीक
डेकेल चेन की पत्नी अविताल ने अपनी तीसरी बेटी को उनके बंधक बनाए जाने के दो महीने बाद ही जन्म दिया था. अविताल दक्षिणी इस्राएल के एक सैन्य अड्ड पर उनकी वापसी का इंतजार कर रही थीं. इस्राएल के सरकारी समाचार प्रसारक ने बताया कि चेन की रिहाई के बाद उनकी पत्नी ने अपनी बहन को फोन कर कहा, "मेरी सांसें लौट आई हैं. वह इतना सुंदर लग रहा है."
डेकेल चेन के दूसरे रिश्तेदार भी उनकी रिहाई कार्मेइ गाट से देख रहे थे. नीर ओज के कुछ निवासी अब यहीं रहते हैं. उनका कहना था कि उन्हें जिंदा देख कर उन्हें अब राहत मिली है. उनकी सास कान ने कहा, "मैं बहुत उत्साहित हूं, और मैंने देखा कि वह ठीक लग रहा है, मैं उसे गले लगाना चाहती हूं." तेल अवीव के पास रमात गान में ट्रुपानोव के दोस्त और परिजनों ने जब उन्हें रिहा होते देखा तो तालियां बजाई, खुशी से शोर मचाया और फिर रो पड़े.
इस्राएल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने बंधकों को रिहा होने से पहले स्टेज पर लाकर वहां मौजूद लोगों को संबोधित कराने की निंदा की है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने उनकी रिहाई पर खुशी भी जताई है. हरजोग ने लिखा, "आपको जो निंदनीय और स्वार्थी समारोह झेलना पड़ा उसके बाद हम खुश हैं कि आप अपने परिवार के लोगों के पास आ गए. बंधकों के लिए समझौते को पूरा करना एक मानवीय, नैतिक और यहूदी अनिवार्यता है. हमारे लिए जो कुछ भी संभव है उसे करना जारी रखेंगे जब तक कि हमारे सारे भाई बहन गाजा के कब्जे से लौट नहीं आते."
बंधकों और कैदियों की रिहाई संघर्ष विराम के समझौते के तहत हो रही है. यह छठे दौर की अदला बदली थी. इसमें तीन इस्राएली और 369 फलीस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया है.
एनआर/एवाई (एएफपी, डीपीए)