हम दिल से नहीं दिमाग़ से खेले: हॉकी कोच
२८ फ़रवरी २०१०बेहद दबाव वाले मैच में विजयी टीम के रूप में उभरने के बाद कोच ब्रासा ने कहा कि 4-1 की जीत शानदार है. मैच से पहले कोच ब्रासा ने खिलाड़ियों को हिदायत दी थी कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच उन्हें ठंडे दिमाग़ से खेलना चाहिए और भावनाओं में नहीं बहना चाहिए. "यह सिर्फ़ एक मैच था, हमें तीन अंक मिले और कुछ नहीं. हमें अपने पांव ज़मीन पर ही रखने चाहिए क्योंकि अभी कई मैच बाक़ी हैं और हमें बहुत दूर जाना है."
लेकिन टीम के खिलाड़ियों की तारीफ़ में कोच ने कोई कंजूसी नहीं की. ब्रासा ने कहा, " इस बात में कोई संदेह नहीं कि खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल दिखाया. हम पहले हाफ़ में शानदार तरीक़े से खेले. एक टीम की तरह की खेले. पहले हाफ़ में तो हमारा ही दबदबा था. मिडफ़ील्ड में खिलाड़ी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के पास को बीच में ही रोक देने में सफल रहे हालांकि दूसरे हाफ़ में कुछ समय के लिए एकाग्रता भंग ज़रूर हुई."
मैच में दो गोल दाग़ने वाले संदीप सिंह की प्रशंसा करते हुए कोच ने कहा कि वह आने वाले मैचों में और बढ़िया खेलने का माद्दा रखते हैं. "संदीप बहुत अच्छा खेले लेकिन वह और अच्छा खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि अगले मैचों में और बढ़िया खेलेंगे."
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच में गोलकीपर के रूप में भारत ने एड्रियन डिसूजा के स्थान पर श्रीजेश रवीन्द्रम को उतारा था. कोच ब्रासा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि डिसूजा को चोट नहीं लगी है. टीम के पास दो बहुत अच्छे गोलकीपर हैं और ऐसा लगा कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ श्रीजेश अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
कप्तान राजपाल सिंह का कहना है कि टीम की रणनीति आक्रामक खेल दिखाने की थी और इसकी वजह से भारत को कई पेनल्टी कॉर्नर मिले. आख़िर में यह रणनीति सफल साबित हुई. राजपाल ने कहा कि इस मैच में भारत ने पाकिस्तान कोई मौक़ा नहीं दिया हालांकि दूसरे हाफ़ में पाकिस्तान ने मैच में वापसी की कोशिश ज़रूर की.
पाकिस्तान के कोच शाहिद अली ख़ान ने माना है कि भारतीय टीम ज़्यादा अच्छा खेली लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि टूर्नामेंट में वापसी के लिए पाकिस्तानी टीम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. शाहिद ख़ान के मुताबिक़ एक बार 2-0 से पिछड़ने के बाद मैच में वापस आने का रास्ता नहीं बचा था.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह