सालेह को छुटकारा देने वाला कानून संसद में पास
२१ जनवरी २०१२यमन की संसद में पास किए गए इस कानून के मुताबिक 1978 से देश की सत्ता पर काबिज सालेह को कानूनी कार्रवाइयों के खिलाफ 'पूरी तरह से' छुटकारा दे दिया गया है. इसके साथ ही उनके सहयोगियों को भी कुछ छूट मिली है. नए कानून में साफ किया गया है कि सालेह के सहयोगियों को उन कार्रवाइयों के लिए मुकदमे का सामना नहीं करना होगा जो, "उन्होंने राजनीतिक कारणों और अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए उठाए." इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए माफी नहीं मिलेगी.
विपक्षी नेताओं की बनाई कार्यवाहक सरकार ने शुक्रवार को संसद में सुधारों के प्रस्ताव को पेश किया. राष्ट्रपति के सहयोगियों को अभियोजन से बचने के आसार घटाने की कोशिश की गई है जिसके लिए देश की जनता बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. वैसे राष्ट्रपति को छुटकारा देने की संसद की कोशिश का पश्चिमी देश और संयुक्त राष्ट्र के साथ ही मानवाधिकार संगठन भी कड़ा विरोध कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त नवी पिल्लई ने इसी महीने कहा था कि जिन लोगों ने यमन में विरोध प्रदर्शनों के दौरान गलतियां की उन्हें न्यायिक प्रक्रिया से भागने का रास्ता नहीं मिलना चाहिए. पिल्लई ने यमन के सांसदों से आग्रह किया है कि वो मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों को माफी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करें.
विरोध प्रदर्शन करने वाले नेताओं ने भी इस तरह से छुटकारा दिए जाने का विरोध किया है और सालेह के साथ उनके सहयोगियों पर मुकदमा चलाने की मांग की है. यमन की संसद ने लंबे समय तक राष्ट्रपति के प्रमुख सहयोगी रहे उप राष्ट्रपति अब्द्राबुह मंसूर हादी को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाने को भी मंजूरी दे दी है. यमन में नए राष्ट्रपति के लिए इसी साल 21 फरवरी को चुनाव होंगे. वैसे इस तरह की आशंकाएं भी मजबूत हो रही हैं कि देश के दक्षिण और पूर्वी इलाकों में सेना और अल कायदा से जुड़े आतंकियों के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से चुनाव टल सकते हैं.
खाड़ी देशों की मध्यस्थता पर हुए समझौते में हादी को इकलौता उम्मीदवार बनाने की बात हुई है हालांकि सालेह से उनकी नजदीकियों को लेकर इस फैसले की काफी आलोचना भी हो रही है.
राष्ट्रपति अली अब्दुल सालेह फिलहाल मानद आधार पर राष्ट्रपति पद संभाल रहे हैं. ऐसी खबरें आ रही हैं कि चुनाव से पहले वह विदेश दौरे पर जाएंगे. सालेह की जेनरल पीपुल्स कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी सुल्तान अल बाराकानी ने कहा है, "आने वाले दिनों में वह ओमान और इथियोपिया जाएंगे . उसके बाद अपने जख्मों को इलाज कराने न्यूयॉर्क जाएंगे." पिछले साल जून में राष्ट्रपति भवन पर हुई बमबारी में सालेह जख्मी हो गए थे. बाराकानी ने कहा, "इलाज पूरा हो जाने के बाद वो वापस यमन लौट आएंगे और पार्टी का नेतृत्व करेंगे."
पिछले महीने सालेह ने अमेरिका जाने की इच्छा जताई थी जिससे कि देश में राष्ट्रपति चुनाव के लिए उचित माहौल बन सके. हालांकि उसके तुरंत बाद ही उनकी पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पार्टी के आग्रह पर इस दौरे के रद्द होने की बात कही. मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने सालेह के देश न छोड़ने की आलोचना की और कहा की उन्होंने ऐसा करने का वादा किया था.
रिपोर्टः एएफपी/ एन रंजन
संपादनः एम गोपालाकृष्णन