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सऊदी अरब में नई यूनिवर्सिटी, सह-शिक्षा की इजाज़त

२४ सितम्बर २००९

साउदी अरब में एक नई यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई है जिसमें लड़के-लड़कियां एक साथ पढ़ाई कर सकेंगे. हालांकि इसमें सऊदी अरब के नागरिकों के लिए 15 प्रतिशत ही आरक्षण है और बाकी छात्र लगभग 61 देशों से पढ़ने आएंगे.

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शिक्षा में आधुनिकीकरणतस्वीर: picture-alliance/ ZB

सऊदी अरब में शाह अब्दुल्लाह ने देश के पहले को-एजुकेशनल यूनिवर्सिटी विज्ञान और तकनीकी विश्वविद्यालय (केएयूएसटी) का उदघाटन किया. किंग अब्दुल्लाह यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नॉलजी में लगभग 70 विदेशी प्रोफ़ेसर पढ़ा रहें हैं और इस सत्र में 800 छात्रों ने दाखिला लिया है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य विश्व स्तर के वैज्ञानिकों को तैयार कराना है.

शाह अब्दुल्लाह के समर्थकों का मानना है कि केएयूएसटी में सह-शिक्षा की सुविधा से अन्य क्षेत्रों में भी सुधार की शुरुआत हो सकेगी. सऊदी अरब की अदालतों और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने की योजना रही है. अब तक यूनिवर्सिटी में लड़के-लड़कियों को साथ पढ़ने की अनुमति नहीं थी. हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि मौलवियों की दख़लंदाज़ी को रोके बग़ैर शिक्षा प्रणाली में कोई बदलाव मुमक़िन नहीं है.

Mazedonien Land und Leute Studenten in Skopje
साथ पढ़ेंगे लड़के और लड़कियांतस्वीर: Petr Stojanovski

विश्वविद्यालय जेद्दा में स्थित है और 36 वर्ग मील के विश्वविद्यालय परिसर में 70 पार्कों के अलावा जिम, अस्पताल और रहन सहन के आलीशान बंदोबस्त किए गए हैं. साथ ही कैंपस में आने-जाने के लिए बिजली से चलने वाली कारों का भी इंतज़ाम किया गया है. (केएयूएसटी) में अन्य जगहों की तरह कोई धार्मिक पुलिस भी नहीं है, जिसका मतलब है कि लोग कैंपस में अपने मन मुताबिक़ तरीक़े से रह सकते हैं.

पश्चिमी राजनयिक उम्मीद कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय से शाह अब्दुल्लाह द्वारा शुरु किए गए सामाजिक सुधार को बढ़ावा दिया जा सकेगा. शाह के कई समर्थकों का मानना है कि देश में धार्मिक शिक्षा और तेल पर निर्भरता कम करने के लिए आधुनिक शिक्षा को प्रोत्साहन देना ज़रूरी है. तेल उद्योग के अलावा रोज़गार के ज़्यादा अवसर न होने की वजह से देश के युवाओं के सामने एक बड़ी परेशानी खड़ी हो रही है.

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तेल पर निर्भरता कम करने की ज़रूरततस्वीर: AP

लेकिन सऊदी अरब में कई रूढ़ीवादी मौलवी अन्य लोग इस क़दम से ख़ुश नहीं हैं. देश में अब तक स्कूलों में धार्मिक पढ़ाई होती रही है और कई पश्चिमी देशों का मानना है कि बेरोज़गारी और कट्टरपंथ की वजह से चरमपंथियों की संख्या बढ़ सकती है. हाल ही में सऊदी अरब को रूढ़ीवादियों के प्रदर्शनों की वजह से देश का पहला फ़िल्म महोत्सव रद्द करना पड़ा था.

आधुनिकीकरण अभियान के अंतर्गत विश्वविद्यालयों और आधुनिक शिक्षा केंद्रों को शुरु करने के अलावा अदालतों के आधुनिकीकरण और "आर्थिक शहरों" को बनाने की भी योजनाएं हैं. (केएयूएसटी) एक निजी विश्वविद्यालय है जिसे सऊदी अरब की तेल कंपनी 'आरामको' चलाती है. इस वजह से यूनिवर्सिटी सऊदी अरब के शिक्षा मंत्रालय के नियंत्रण से बाहर है. कई लोग इस नई शुरुआत से खुश हैं लेकिन उनका मानना है कि देश में विकास लाने के लिए करोड़ो रुपयों को शिक्षा में निवेश करना काफी नहीं है. वास्तव में देश के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा प्रणाली को बदलने की ज़रूरत है और इसी से समाज पर कुछ असर पड़ेगा.

रिपोर्ट- एजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादन- एस गौड़