शराबी बलात्कारी की रिहाई पर दक्षिण कोरिया में आक्रोश
११ दिसम्बर २०२०आठ साल की बच्ची से बलात्कार करने के दोषी चो को 2009 में 12 साल की सजा सुनाई गई. दक्षिण कोरिया के कानून में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराध के लिए अधिकतम 15 साल की सजा है. लेकिन अगर दोषी यह साबित कर दे कि वह नशे के कारण होश में नहीं था तो नरमी बरती जाती है. ऐसे मामलों में सजा घटा दी जाती है. चो ने भी अदालत में यह साबित कर दिया बलात्कार करते वक्त वह शराब के नशे में था. अब चो की रिहाई होने जा रही है.
पूरे देश में चो की रिहाई का विरोध रहो रहा है. लोगों की मांग है कि चो को ताउम्र जेल में रखा जाए. यह मांग करने वाली दो अलग-अलग याचिकाओं में 7,20,000 लोग दस्तखत कर चुके हैं. याचिका में कहा गया है कि यौन अपराधी इस लचीले कानून का फायदा उठाते हैं.
बढ़ते दबाव के बीच सरकार ने बच्चों से बलात्कार करने वालों को आजीवन कारावास की सजा देने का प्रस्ताव सामने रखा है. लेकिन चो की रिहाई को लेकर ऊपजी नाराजगी कम नहीं हो रही है. लोगों को आशंका है कि चो राजधानी सोल और उसके आस पास के इलाकों में फिर से आजाद घूमेगा. हालांकि इस दौरान चो पर जीपीएस ट्रैकर लगा होगा.
क्योंगी यूनिवर्सिटी में फॉरेंसिंक मनोविज्ञानी ली सू जुंग कहती हैं, "शराब के मामले में दक्षिण कोरिया का कानून नरम है, ऐसा मान लिया गया है जैसे अल्कोहल कामकाजी वर्ग के मनोरंजन के लिए है."
दक्षिण कोरिया में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध की सूची लंबी है. देश में हिडन कैमरे से तस्वीरें या वीडियो बनाना, बदला लेने के लिए पॉर्न क्लिप बनाना और महिलाओं को ब्लैकमेल करना बड़ी समस्या है. दुनिया में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का बहुत बड़ा नेटवर्क चलाने वाले एक दोषी को दक्षिण कोरिया में सिर्फ डेढ़ साल की सजा हुई.
ओएसजे/एके (रॉयटर्स)