रूहानी की जापान यात्रा क्या अमेरिका ईरान का तनाव घटा सकेगी
२० दिसम्बर २०१९हसन रूहानी बीते बीस साल में जापान की यात्रा करने वाले पहले ईरानी राष्ट्रपति हैं. ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते परमाणु तनाव को देखते हुए जापान दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहा है.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. पिछले महीने ईरान ने पेट्रोलियम के भाव बढ़ा दिए थे और इसकी वजह से पूरे देश में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. रूहानी की जापान यात्रा ठीक उस विरोध के बाद हो रही है.
ईरानी सरकार के प्रवक्ता अली राबई ने यात्रा के मध्यस्थता वाले पहलू को नजरअंदाज करने की कोशिश की और कहा कि यात्रा का अमेरिका के साथ बातचीत जैसे मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है.
हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि "हमारे जापानी दोस्त अक्सर अपने संदेश या पहल हम से साझा करते हैं, जिनका हम स्वागत करते हैं... और गंभीरता से परीक्षण करते हैं."
2018 में अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से निपटने के लिए किये गए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते से खुद को अलग कर लिया था और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे.
जापान अमेरिका का एक प्रमुख मित्र देश है जो ईरान के साथ भी करीबी राजनयिक और आर्थिक रिश्ते रखता है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दोनों विरोधी ताकतों के बीच खाई भरने की कोशिश की है.
पिछले सप्ताह शिंजो आबे ने कहा था कि वे मध्य एशिया में तनाव को कम करने का हर संभव प्रयास करेंगे और जापान के अमेरिका के साथ मैत्री और ईरान के साथ अनुकूल रिश्तों का हवाला भी दिया था. वे जून में तेहरान भी गए थे.
जापान कभी खुद भी ईरान के कच्चे तेल का एक बड़ा खरीदार हुआ करता था लेकिन अमेरिका के प्रतिबंधों का पालन करने के लिए उसने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया.
जापान जाने से पहले रूहानी कुआलालंपुर में थे जहां उन्होंने एक बैठक में मुस्लिम देशों से अपील की कि वो अमेरिका के "आर्थिक आतंकवाद" से लड़ने के लिए एकजुट हो जाएं.
जापान के सेंटर फॉर कंटेम्पररी इस्लामिक स्टडीज के अध्यक्ष ओसामु मियाता ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि आबे के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूहानी के बीच रास्ता निकालना मुश्किल होगा.
इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपिंग इकोनॉमीज में मध्य एशिया मामलों के जानकार हितोषि सुजुकी ने एएफपी से कहा कि अमेरिका के प्रतिबंधों का "ईरान के हर पहलु पर गंभीर असर हो रहा है, चाहे वह लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी हो, देश की आर्थिक स्थिति हो या फिर आयातित उत्पादों की बढ़ती कीमतें हों."
सुजुकी ने यह भी कहा, "यह मुश्किल है कि रूहानी-आबे के इस मुलाकात की कुछ ठोस उपलब्धियां हों, लेकिन आगे जा कर जापान अमेरिका को आगाह करा सकता है कि प्रतिबंधों का गंभीर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है."
सीके/एनआर (एएफपी)
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