मुख्तार माई बलात्कार कांड के आरोपी रिहा
२७ अप्रैल २०११अब 40 वर्ष की हो चुकीं माई से जून 2002 में सामूहिक बलात्कार हुआ. यह एक पंचायत के फैसले के मुताबिक हुआ. माई को उनके छोटे भाई के विरोधी गुट की किसी महिला के साथ अनुचित संबंधों की सजा दी गई. हालांकि मुल्तान से 120 किलोमीटर दूर मीरवाला कस्बे में जब यह घटना हुई तो माई के भाई की उम्र सिर्फ 12 साल थी.
अपनी रिहाई के बाद एक आरोपी फैज बख्श ने कहा, "हम निर्दोष हैं, हमने कोई जुर्म नहीं किया है. हमें विदेशी दबाव में जेल में रखा गया." इस मामले ने दुनिया भर में पाकिस्तानी औरतों के शोषण को उजागर किया. जब मंगलवार को मुल्तान की जेल से इन पांच आरोपियों को रिहा किया गया, तो उनके समर्थक "सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद" के नारे लगा रहे थे. जेल के सुपरिटेंडेंट राना तनवीर ने कहा, "हमने सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद आज उन्हें रिहा कर दिया."
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने पांच आरोपियों को बरी करने के खिलाफ दायर माई की अपील को खारिज कर दिया. एक स्थानीय आतंकवाद निरोधी अदालत ने पहले इस मामले में छह आरोपियों को मौत की सजा सुनाई, लेकिन लाहौर हाई कोर्ट ने 2005 में इनमें से पांच को बरी कर दिया. छठे आरोपी अब्दुल खलीक की मौत की सजा को भी उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने खलीक को मिली उम्र कैद की सजा को बरकार रखा है. रविवार को माई ने कहा कि वह पांच आरोपियों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगी.
महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले औरत फाउंडेशन के मुताबिक पिछले साल पाकिस्तान में एक हजार महिलाओं से बलात्कार हुआ, दो हजार से ज्यादा का अपहरण किया गया और डेढ़ हजार की हत्या कर दी गई. इसके अलावा 500 महिलाएं ऑनर किलिंग का शिकार बनीं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह