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समाज

मीटू जैसा मामला ना हो इसलिए गई मैकडॉनल्ड के सीईओ की नौकरी

४ नवम्बर २०१९

दुनिया भर में बर्गर के लिए मशहूर मैकडॉनल्ड ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टीव ईस्टरब्रुक को बर्खास्त कर दिया है. एक जूनियर कर्मचारी के साथ रिश्ता रखने के कारण गई नौकरी.

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USA McDonald’s CEO Steve Easterbrook
तस्वीर: picture-alliance/abaca/Chicago Tribune/S. Wescott

52 साल के ईस्टरब्रुक 2015 से ही मैकडॉनल्ड का नेतृत्व कर रहे थे. रविवार को कंपनी के बोर्ड ने एलान किया कि ईस्टरब्रुक ने कंपनी की नीतियों का उल्लंघन किया है. कंपनी के मुताबिक ईस्टरब्रुक ने "खराब समझ का प्रदर्शन" किया जिसमें एक रिश्ता भी शामिल था. ईस्टरब्रुक ने कंपनी के बोर्ड से भी इस्तीफा दे दिया है.

रविवार को कंपनी ने ईस्टरब्रुक का एक ईमेल भी जारी किया जिसमें उन्होंने एक कर्मचारी से अपने रिश्ते के बारे में लिखा है, "वह एक गलती थी, कंपनी के सिद्धांतों को देखते हुए मैं बोर्ड के साथ इस बात पर सहमत हूं कि अब यहां से आगे बढ़ने का वक्त आ गया है."

51 साल के क्रिस केंपचिंस्की को कंपनी का नया सीईओ नियुक्त किया गया है. वह अब तक मैकडॉनल्ड अमेरिका के प्रमुख पद पर काम कर रहे थे. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है और वह कंपनी के बोर्ड में भी ईस्टरब्रुक की जगह ले लेंगे.

Symbolbild - McDonald's
तस्वीर: Getty Images/K. Tribouillard

बीते कुछ सालों में अमेरिकी कारोबार जगत में कई शीर्ष लोगों को अपनी नौकरी इस तरह के आरोपों में गंवानी पड़ी है, ईस्टरब्रुक उनमें सबसे अहम बताए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर #MeToo अभियान के बाद से कंपनियों में वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी बढ़ गई है. इस अभियान ने काम की जगह पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के कई मामलों को उजागर किया है.

जून 2018 में इंटेल कॉर्प के सीईओ ब्रायन शानिख को इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि जांच में पता चला था कि उन्होंने एक कर्मचारी के साथ सहमति से रिश्ते बना कर कंपनी की नीति का उल्लंघन किया था.

शिकागो की कंपनी मैकडॉनल्ड उन गिने चुने ब्रांड में हैं जिसे दुनिया भर के लोग पहचानते हैं. हाल ही में उसने अपने हैप्पी मील की 40वीं सालगिरह मनाई थी जो इसकी परिवारों को लुभाने की मुहिम रही है और इसकी एक अलग छवि बनाती है.

ईस्टरब्रुक के कार्यकाल में मैकडॉनल्ड के शेयरों की कीमत दोगुनी हो गई. अमेरिका में फास्टफूड के प्रभुत्व को तोड़ने के लिए दूसरी कंपनियों ने अपने मेन्यू में बड़े बदलाव किए हैं. इनमें शाकाहारी बर्गर का खास तौर से नाम लिया जाता है. इस मुहिम में केएफसी और बर्गर किंग भी शामिल हैं. ईस्टरब्रुक ने ब्रिटेन में मैकडॉनल्ड के कारोबार को खूब बढ़ाया था. ब्रिटेन में ही पैदा हुए ईस्टरब्रुक ने बर्गर पर खास ध्यान दिया और एक खास विज्ञापन अभियान के जरिए खाने के बारे में चल रहे भ्रामक प्रचारों का डट कर मुकाबला किया. क्रिकेट के शौकीन ईस्टरब्रुक को ब्रिटेन में उनके पुराने साथी मजाकिया, सच्चा और सरलता के प्रेमी मानते हैं. ईस्टरब्रुक मैकडॉनल्ड के उन चुनिंदा सीईओ में हैं जिन्हें दूसरे रेस्टोरेंट चेन चलाने का भी अनुभव है.

USA McDonald’s CEO Steve Easterbrook
तस्वीर: picture-alliance/AP Images/R. Drew

आरोप मैकडॉनल्ड पर भी हैं

ईस्टरब्रुक की विदाई के बाद एक मजदूर संगठन ने मैकडॉनल्ड पर आरोप लगाया है कि वह यौन उत्पीड़न के मामलों को निपटाने में नाकाम रही है. इस संगठन की यह भी मांग है कि वह ईस्टरब्रुक और दूसरे किसी अधिकारी की इस तरह के मामलों में बर्खास्तगी पर पूरी पारदर्शिता बरते. यह संगठन कपनी के कर्मचारियों के लिए कम से कम 15 पाउंड प्रति घंटे की मजदूरी की भी मांग करता है.

मैकडॉनल्ड ने इस संगठन की मांग पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. मैकडॉनल्ड को पिछले साल भी कुछ कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही यह आरोप भी लगे कि कंपनी ने शिकायत करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ ही कार्रवाई की.

सितंबर में अमेरिका के 31 राज्यों के स्थानीय अधिकारियों ने मैकडॉनल्ड पर दबाव बनाया कि वह कर्मचारियों के लिए काम का माहौल बेहतर बनाए. कंपनी से कहा गया कि कर्मचारियों को अश्लील फब्तियों, जबर्दस्ती छूने और दूसरे यौन उत्पीड़नों से बचाने के लिए बेहतर उपाय किए जाएं. कंपनी के कई रेस्तराओं से बाहर निकल कर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था और स्थानीय अधिकारियों ने इन कर्मचारियों का समर्थन किया था.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)

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