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महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट की मंज़ूरी

२६ फ़रवरी २०१०

लंबे समय से धूल फांक रहे महिला आरक्षण बिल को नई संजीवनी आख़िर मिल ही गई. कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंज़ूरी दे दी है जिसमें महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फ़ीसदी आरक्षण दिया गया है.

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अब संसद में बहस होगीतस्वीर: AP

महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर राजनीतिक सहमति नहीं बन पा रही थी जिसके चलते 14 सालों से बिल लटका हुआ था. गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें इस बिल को मंज़ूरी दे दी गई.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के संबोधन में भी बिल का उल्लेख किया गया था और राष्ट्रपति ने कहा था कि महिला आरक्षण बिल को इसी सत्र के दौरान पास करने के प्रयास किए जाएंगे.

महिला आरक्षण बिल का मसौदा पहली बार एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली यूनाइटेड फ़्रंट सरकार ने तैयार किया था और इसे संसद में सितम्बर 1996 में पेश किया गया था. उसके बाद कई सरकारें आईं और गईं लेकिन बिल पर सहमति बनाना मुश्किल साबित हुआ क्योंकि अधिकतर गठबंधन सरकारें थी.

कांग्रेस ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि बिल को पास कराने के लिए उन्हें सकारात्मक रुख़ का परिचय देना चाहिए. मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने इस बिल को समर्थन देने का वादा किया है लेकिन राष्ट्रीय जनता दल महिला आरक्षण बिल में भी आरक्षण की मांग कर रहा है.

इस बिल को राज्यसभा में पहले ही पेश किया जा चुका है. संसद की स्थायी समिति ने दिसम्बर में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बिल को इसके मौजूदा स्वरूप में पास किया जाना चाहिए और इस मुद्दे को राजनीतिक दलों के विवेक पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

अब बिल को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद यह फ़ैसला लिया जाएगा कि संसद में इस पर बहस कब होगी. समाजवादी पार्टी और आरजेडी पिछड़े वर्ग से आने वाली महिलाओं के लिए महिला आरक्षण बिल में अलग से कोटा मांग रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एम गोपालाकृष्णन