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भारत चीन की बराबरी नहीं कर सकता: नेवी चीफ़

११ अगस्त २००९

भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल सुरेश मेहता ने स्वीकार किया है कि सैन्य क्षेत्र में भारत और चीन के बीच की खाई लगातार बढ़ रही है. चिंतित दिखाई दे रहे एडमिरल मेहता ने कहा कि दोनों की सैन्य शक्ति की तुलना नहीं की जा सकती.

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अपनी सैनिक ताक़त बढ़ाने में जुटा चीन: एडमिरल मेहतातस्वीर: AP

भारत और चीन के बीच सैन्य क्षमता की तुलना करने को उन्हें नासमझी क़रार दिया और कहा कि भारत चीन की बराबरी नहीं कर सकता. एडमिरल मेहता ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आने वाले सालों में चीन निश्चित रूप से भारत के सामने एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरेगा. नौसेना प्रमुख के अनुसार चीन के साथ आपसी विश्वास तब तक नहीं पनप सकता जब तक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझा नहीं लिया जाता.

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'भारत-चीन की तुलना करना बेमानी'तस्वीर: AP

हाल के सालों में ऐसे मौक़े कम ही आए हैं जब किसी वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने चीन से पनपने वाली आशंका पर अपनी बेबाक राय सामने रखी है. एडमिरल मेहता ने साफ़ शब्दों में कहा कि परंपरागत और ग़ैरपरंपरागत ढंग से लड़ाई के मामले में चीन की सैन्य ताक़त के समकक्ष आने के लिए भारत के पास न तो क्षमता है और न ही इच्छाशक्ति दिखाई देती है.

सुरेश मेहता ने कहा कि अंतरिक्ष और साइबर जगत में भी ताक़त बढ़ाने के लिए भारत को अपनी रणनीति तैयार करनी होगी.

कुछ महीने पहले भारत के पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्श फ़ाली होमी मेजर ने आग़ाह किया था कि पाकिस्तान की तुलना में भारत के लिए चीन एक बड़ा ख़तरा है क्योंकि चीन की सैन्य क्षमता के बारे में भारत के पास ज़्यादा जानकारी नहीं है.

दिल्ली में नेशनल मेरीटाइम फ़ाउंडेशन में एडमिरल मेहता ने कहा कि इस समय चीन राष्ट्रीय सुरक्षा मज़बूत करने और सैन्य ताक़त बढ़ाने में जुटा है. नौसेना प्रमुख के मुताबिक़ जब चीन एक बार यह इस प्रक्रिया को पूरा कर लेगा तब अपने पड़ोसी देशों के साथ उसका रूख़ में बदलाव आ सकता है. एडमिरल मेहता ने आशंका जताई है कि ऐसी स्थिति में सीमा विवाद के मामले में चीन अपने दावों को और बलपूर्वक अन्य देशों के सामने रखने की स्थिति में आ जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह