ब्रिटेन में सफाई के लिए फेसबुक से एकजुट लोग
१० अगस्त २०११फेसबुक पर लंदन क्लीन अप क्र्यू पेज पर लिखा है, "हमारा लक्ष्य है उन शहरों और कस्बों को साफ करने के लिए एकजुट होना जहां दंगों के बाद सफाई करने की जरूरत है." तो क्लीन अप लंदन लिखता है, "अपने इलाके की सफाई के लिए साझा काम करें." साथ ही यह भी लिखा है कि सभी लोग कृपया अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें.
वहीं ट्विटर पर बुधवार सुबह से एक बाद एक लगातार अलग अलग लोगों के संदेश आ रहे हैं. निगेल कैमरन लिखते हैं, "सभी गहरी सांस लें क्योंकि लंदन में पुलिस लोगों को दंगों के बाद सफाई करने से रोक रही है क्योंकि टूटे हुए कांच से खतरा है." वहीं स्टाइलिस्ट मैगजीन ने ट्विटर पर लिखा है कि लंदन में सफाई के लिए उतरे आम लोगों का चित्र दिल खुश करने वाला है.
थोड़ी शांति
लंदन में भारी दंगों के बाद मंगलवार से बुधवार की रात तुलनात्मक रूप से शांतिपूर्ण रही. हालांकि उत्तरी ब्रिटेन से अशांति के समाचार आते रहे. बर्मिंघम और नॉटिंघम में बड़ी संख्या में भारतीय भी रहते हैं और इन इलाकों में रहने वाले भारतीयों में अधिकतर ऐसे व्यावसायी हैं जिनकी दुकानें हैं. बुधवार की रात को मैनचेस्टर, सालफोर्ड, वोल्वरहैम्पटन, नॉटिंघम, लिसेस्टर और बर्मिंघम से लूटपाट की खबरें आई. अशांति के कारण लंदन में होने वाला इंग्लैंड और नीदरलैंड्स का मैच रद्द कर दिया गया जबकि भारत और इंग्लैंड के बीच जारी क्रिकेट श्रृंखला का मैच रद्द न किए जाने की खबर है. मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी का दौरा भी शांतिपूर्ण निपट गया. अगले साल लंदन में ओलंपिक खेल होने हैं.
मैनचेस्टर में सैकड़ों युवाओं के पुलिस से टकराने की खबरें हैं. उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड में 50 लोगों को गिरफ्तार किए जाने की खबर हैं. वहीं बर्मिंघम में पुलिस ने 80 लोगों को गिरफ्तार किया है. मैनचेस्टर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ग्रेट मैनचेस्टर पुलिस को अपराधी सोच रखने वाले और अव्यवस्था फैलाने पर तुले गुटों से भारी टक्कर लेनी पड़ रही है. इन लोगों के पास विरोध करने के लिए कुछ नहीं है. किसी अन्याय की वजह से यह विरोध नहीं हो रहा है. यह साफ तौर पर आपराधिक व्यव्हार है."
हर संभव कदम
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन कह चुके हैं, "यह साफ तौर पर सिर्फ अपराध है. इसका सामना करना होगा और इसे हराना होगा. लोगों को इसमें कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि हम ब्रिटेन की गलियों में फिर से कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे."
पुलिस को तैनात करना और कड़ा पहरा इन दंगों को दबा जरूर देगा लेकिन इसका मुख्य कारण खत्म नहीं कर सकता. बैंकों और साफ सुथरी छवि पेश करने वाले लंदन में पिछले सालों में ऐसे परिवार भी बढ़ गए हैं जिन्हें अपना कोई भविष्य नजर नहीं आता, जो बेरोजगार हैं. बजट कटौती करने वाली कैमरन सरकार के सामने यह एक बड़ी चुनौती बन कर उभरी है.
रिपोर्टः आभा मोंढे/एजेंसियां
संपादनः ए कुमार