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कारोबार

बिना पासपोर्ट के जापान से निकल भागे निसान के पूर्व अध्यक्ष

३१ दिसम्बर २०१९

वित्तीय दुराचार के कई आरोपों का सामना कर रहे ऑटो कंपनी निसान के पूर्व अध्यक्ष अपनी जमानत के शर्तों का उल्लंघन करके चुपचाप जापान छोड़ कर लेबनान पहुंच गए हैं. 

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Carlos Ghosn Nissan Renault
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Miura

जापानी कार निर्माता कंपनी निसान के पूर्व अध्यक्ष कार्लोस गोन ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने लेबनान में शरण ले ली है. गोन पर वित्तीय दुराचार के आरोप हैं और वे जमानत पर जेल से रिहा हुए थे. उनका कहना है कि उन्होंने अपना देश इसलिए छोड़ दिया क्योंकि जापान की न्याय व्यवस्था निष्पक्ष नहीं है और वहां उनके  साथ अन्याय हो रहा था.

एक वक्तव्य जारी कर 65-वर्षीय गोन ने कहा कि "अब वो कभी भी जापान की पक्षपातपूर्ण न्यायिक व्यवस्था के कैदी बन कर नहीं रहेंगे, जहां दोष को बस मान किया जाता है, जहां अनियंत्रित भेदभाव है और जहां मूल मानवाधिकारों से वंचित रखा जाता है." उन्होंने यह भी कहा, "मैं न्याय से भागा नहीं हूं. मैं अन्याय और राजनीतिक उत्पीड़न से बच कर निकल गया हूं." गोन ने यह भी भरोसा दिलाया कि वे अगले हफ्ते से मीडिया से बात करना शुरू कर देंगे. 

अभी तक यह पूरी तरफ साफ नहीं हो पाया है कि वे जापान से भागे कैसे. उनके खिलाफ सुनवाई अभी शुरू होनी थी और देश ना छोड़ना उनकी जमानत की शर्तों में था. उन्हें नवंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने और उनके वकीलों ने कई बार कहा है कि जापान में उनके खिलाफ एक न्यायपूर्ण सुनवाई नहीं हो सकती. उन्होंने मामले को रद्द करने की मांग भी की है और कहा है कि अभियोजक पक्ष ने गलत कदम उठाए हैं.

Japan Mitsubishi Motors Carlos Ghosn
तस्वीर: picture-alliance/Jiji Press/Y. Morishita

लेबनान की मीडिया के अनुसार गोन एक निजी विमान से तुर्की से लेबनान गए. लेबनान उनके लिए अनजान देश नहीं है. उनके माता-पिता का वहीं जन्म हुआ था, उन्होंने अपने बचपन का बड़ा हिस्सा वहीं बिताया था और उनके पास फ्रांस के अलावा लेबनान का पासपोर्ट भी है.

लेबनान में कई लोग गोन को अपने देश के बड़े प्रवासी समुदाय के प्रतीक के रूप में और लेबनान की उद्यम संबंधी प्रतिभा के एक उत्तम उदाहरण के रूप में देखते हैं और उन्हें गोन की गिरफ्तारी से धक्का लगा है. 

लेकिन टोक्यो में इस अप्रत्याशित घटनाक्रम को लेकर ये सवाल जरूर उठेगा कि गोन ने आखिर अधिकारियों को चकमा कैसे दिया. उनके जापानी लॉयर जूनिचिरो हीरोनाका ने कहा कि वो खुद इस खबर से अवाक हैं. उन्होंने बताया कि गोन के पासपोर्ट अभी भी उनके वकीलों के पास ही हैं. हीरोनाका का कहना था, "मुझे तो यह भी नहीं मालूम कि हम उनसे संपर्क कर सकते हैं या नहीं. मुझे नहीं मालूम कि हम इससे आगे कैसे बढ़ेंगे."

गोन पर आरोप है कि उन्होंने अपने वेतन की गलत जानकारी दी और उसे 8.5 करोड़ डॉलर कम बताया. उन्होंने अपनी आय के एक हिस्से को बाद में लिया और कंपनी के शेयरधारकों को कुछ नहीं बताया.

Renault Nissan Mitsubishi Logo
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Camus

अभियोजकों का यह भी आरोप है कि गोन ने 2008 के वित्तीय संकट के दौरान कोशिश की कि उन्हें जो करीब 18 लाख डॉलर की निजी विदेशी मुद्रा का घाटा हुआ था, निसान उसकी भरपाई कर दे. 

उन पर एक आरोप यह भी है कि उन्होंने कथित रूप से निसान के कोष में से लाखों की धनराशि ओमान में एक डीलरशिप के खाते में हस्तांतरित की और फिर उसमें से 50 लाख डॉलर अपने निजी इस्तेमाल के लिए निकाल लिए.

गोन लगातार सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं और इन्हें निसान के अधिकारियों की साजिश बताते रहे हैं. उनका कहना है कि निसान के ये अधिकारी उन्हें कंपनी से हटाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें यह डर है कि वो कंपनी को रेनौ के साथ एक और करीबी गठबंधन की तरफ ले जा रहे थे. 

इस बीच वे अपने उसी व्यापारिक साम्राज्य से हाथ धो बैठे हैं जिसे बनाने के लिए कभी उनकी अनुशंसा होती थी. उन्होंने जो तीन ऑटो कंपनियों का एक गठबंधन बनाया था, उसमें से निसान और मित्सुबिशी मोटर्स से उन्हें निकाल दिया गया है और रेनौ से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.

सीके/आरपी (एएफपी)

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