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'बंगाल ही फूंक सकता है फुटबॉल में नई जान'

२५ मार्च २०१०

भारतीय खेल मंत्री एमएस गिल ने कहा कि बंगाल ही भारत में फुटबॉल के गौरवशाली दिनों को वापस ला सकता है और आने वाले वर्षों में भारत को ओलंपिक के सेमीफाइनल तक पहुंचने में मदद कर सकता है.

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खेल मंत्री एमएस गिलतस्वीर: AP

देश के युवाओं से फुटबॉल खेलने की अपील करते हुए गिल ने कहा, "बंगाल में बहुत बढ़िया फुटबॉल खिलाड़ी हुए हैं. 1956 के ओलंपिक के दौरान भारतीय टीम में आधे से ज्यादा खिलाड़ी बंगाल से थे."

कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेडियम में तीसरे इंडो बांग्ला खेलों की घोषणा करते हुए गिल ने कहा, "बंगाल ही फुटबॉल में नई जान फूंक सकता है. हम उम्मीद करते हैं कि फिर हम ओलंपिक के सेमीफाइनलों तक पहुंचेगे. चुनी गोस्वामी जैसे खिलाड़ी आएंगे."

गिल ने फुटबॉल को आम आदमी का खेल बताया. उन्होंने कहा, "यह आम आदमी का खेल है. 100 करोड़ भारतीयों के लिए फुटबॉल एक आदर्श खेल है और किफायती भी है. इसे कहीं भी खेला जा सकता है."

इससे पहले खेल मंत्री ने भारतीय खेल प्राधिकरण के ईस्टर्न सेंटर में आर्टिफिशयल हॉकी टर्फ का उद्घाटन किया. साथ ही उन्होंने हाल में विवादों में रहने वाली हॉकी में एकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमने हॉकी के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं, ट्रेनिंग और बेहतरीन कोच (खोसे ब्रासा) दिए. उन्हें एकजुटता के साथ खेलना चाहिए. उनके बीच गुटबाजी नहीं होनी चाहिए. अगर वे एकजुटता से खेलेंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी, भले ही उनका प्रदर्शन कैसा ही हो." हाल में दिल्ली में हुए हॉकी वर्ल्ड कप में भारत को आठवां स्थान मिला.

गिल ने कहा कि सरकार ने 15 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय मेजर ध्यान चंद नेशनल हॉकी स्टेडियम तैयार कराया है क्योंकि भारत में जल्द ही कॉमनवेल्थ खेल होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह दुनिया के बेहतरीन स्टेडियमों में से है और बहुत सी टीमों ने इसकी बहुत सराहना की. तैयारियां जोरों से चल रही है. कई जगहों पर काम हो रहा है."

सुरक्षा के मुद्दे पर गिल ने कहा, "सुरक्षा हमारी चिंता का कारण है. हमने 350 करोड़ रुपये सीसीटीवी कैमरों पर खर्च किए हैं. शहर भर में इन्हें लगाया जाएगा. सुरक्षा के मामले पर हम कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़