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फ्रांस में 'खूनी खेल' पर रोक नहीं लगेगी

२१ सितम्बर २०१२

फ्रांस की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था ने देश में बुल फाइटिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने इसे रोक लगाने की मांग की थी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

फ्रांस में बुल फाइटिंग लंबे समये से चली आ रही है, आलोचक इसे खूनी खेल कहते हैं. संवैधानिक परिषद का कहना है कि भले ही इस खेल पर ज्यादातर देशों में पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन कुछ इलाकों में इस तरह की परंपरा संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है.

फ्रांस में हर साल बुल फाइट के आयोजन होते हैं. इन मुकाबलो में हर साल 1000 से ज्यादा पशुओं की जान जाती हैं. इनका समर्थन करने वाले इसे स्थानीय परंपरा के नाम पर जिंदा रखना चाहते हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में सैलानियों का इन्हें देखने फ्रांस आना भी इन मुकाबलों के चलते रहने की एक बड़ी वजह है. संवैधानिक परिषद का कहना है कि दक्षिणी इलाकों में बुल फाइटिंग की परंपरा, "सही, सामान्य और उचित" है.

कहीं विरोध कहीं समर्थन

बुल फाइटिंग का विरोध करने वाले गुट सीआरएसी और पशुओं के अधिकारों की वकालत करने वाले संगठन डीडीए ने संवैधानिक परिषद से पूरे देश में इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. बुल फाइटिंग पर जब लोगों की राय जानने के लिए सर्वे कराया गया तो देश के 48 फीसदी लोगों ने इस पर पाबंदी लगाने की मांग की. इस सर्वे के मुताबिक 42 फीसदी लोग यथास्थिति बने रहने देना चाहते हैं और बाकी 10 फीसदी लोगों की इस बारे में कोई राय नहीं है.

इस खेल का जबर्दस्त तरीके से समर्थन करने वालों में कई बड़े लोग भी हैं. इनमें देश के गृह मंत्री मानुएल वाल्स भी हैं. वाल्स ने इसी महीने यह कह कर मामले को गर्मा दिया कि यह एक परंपरा है जिसकी रक्षा की जानी चाहिए. वाल्स ने कहा, "मैं इसे पसंद करता हूं, यह मेरे परिवार की संस्कृति का हिस्सा रहा है."

Frankreich Stierkampf Verbot gescheitert
तस्वीर: AFP/Getty Images

फैसले की आलोचना

गृह मंत्री भले ही इसे पसंद करते हों लेकिन शुक्रवार को आए संवैधानिक परिषद के फैसले की आलोचना भी खूब हो रही है. सीआरएसी के उपाध्यक्ष ज्यां पियरे गैरिगेस ने कहा, "इस फैसले ने दुखद रूप से यह साबित कर दिया है कि हम लोकतंत्र में नहीं बल्कि बुलफाइटिंग की तानाशाही में जी रहे हैं." बुल फाइटिंग का विरोध करने वाले लोग संवैधानिक परिषद पर भी इस फैसले के लिए उंगली उठा रहे है. उनका कहना है कि परिषद पर इस फैसले के लिए काफी ज्यादा राजनीतिक दबाव बनाया गया है.

फ्रांस के फिल्म स्टार ब्रिगिटे बार्डट ने मशहूर फिल्मी दुनिया के दिग्गज अलायन डेलन और ज्यां पॉल बेलमोन्डो के साथ मिल कर पशुओं के हथियारों की वकालत करने वाली एक संस्था बनाई है. बार्डट का भी कहना है कि वह इस फैसले से हैरान नहीं हैं. उन्होंने जोर दे कर कहा, "सरकार ने बहस में दखल दिया है और जजों को प्रभावित किया है."

Frankreich Stierkampf Verbot gescheitert
तस्वीर: AFP/Getty Images

परंपरा की दुहाई

बुल फाइटिंग का समर्थन करने वाले गुट का कहना है कि इस फैसले ने यह साबित कर दिया है कि फ्रांस में सांस्कृतिक विविधता का सम्मान होता है. उनका कहना है कि उत्तरी फ्रांस में भी तो मुर्गों की लड़ाई होती है. बुल फाइट का आयोजन करने वाली संस्था के वकील गिलाउमे फ्रांसिस का कहन है, "बुल फाइटिंग संवैधानिक रूप से वैध है और यह संविधान में निहित है. संवैधानिक परिषद ने बस इतना कहा है कि यह जारी रह सकता है," ठीक वैसे ही जैसे देश में अल्पसंख्यकों की संस्कृति से जुड़ी कई बातें कायम हैं.

इसकी वकालत करने वाला गुट आर्थिक नजरिए से भी इसे एक फायदेमंद खेल बता रहा है क्योंकि इसे देखने के लिए दक्षिणी फ्रांस के निमेस और आर्ल्स शहरों में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ती है.

एनआर/आईबी (एएफपी)

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