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फिर शुरू हो सकता है लंबा सशस्त्र गृहयुद्ध

३० अगस्त २०१९

मौजूदा दौर का सबसे लंबा सशस्त्र विद्रोह जब शांत हुआ तो उसे ऐतिहासिक कामयाबी बताया गया. कोलंबिया के राष्ट्रपति को उसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया. लेकिन तीन साल बाद बारूद का ढेर फिर सुलगने लगा है.

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Kolumbien FARC Guerilla
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Robayo

कोलंबिया सरकार ने पड़ोसी देश वेनेजुएला पर पूर्व फार्क विद्रोहियों को पनाह देने का आरोप लगाया है. अगस्त 2016 के समझौते के बाद हथियार डालने वाले विद्रोहियों ने कोलंबिया सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. विद्रोहियों का कहना है वे "कुलीन तंत्र" के खिलाफ नया अभियान शुरू करने जा रहे हैं.

पूर्व फार्क कमांडर लुसियानो मारीन ने गुरुवार को कहा कि वह और अन्य विद्रोही तीन साल बाद एक बार फिर कोलंबिया के "कुलीन तंत्र"के खिलाफ हथियार उठाएंगे. 50 साल के हिंसक गृहयुद्ध के बाद कोलंबिया सरकार और फार्क गुरिल्ला विद्रोहियों के बीच अगस्त 2016 में एक शांति समझौता हुआ. समझौते को नवंबर में दूसरी बार कराए गए जनमत संग्रह के जरिए लागू किया गया.

लेकिन अब असंतोष के बीज दिखने लगे हैं. मारीन नाम से मशहूर गुरिल्ला इवान मार्केज के मुताबिक, अब "सशस्त्र संघर्ष का एक नया चरण" है. मारीन का आरोप है कि सरकार शांति समझौते के मुख्य बिंदुओं को गिरा रही है और फार्क के सामाजिक नेताओं की सुरक्षा पक्की करने में भी पिछड़ रही है.

Kolumbien FARC Luciano Marin
इवान मार्केज तस्वीर: picture-alliance/dpa/EPA/E. Mastrascusa

दुनिया के दूसरे बड़े सर्च इंजन यूट्यूब पर रिलीज किए गए एक वीडियो में मारीन ने कहा, "500 से ज्यादा सामाजिक नेता और 150 गुरिल्ला लड़ाके मारे जा चुके हैं, वह भी सरकार की उपेक्षा और आलसीपन की वजह से. हम विचाराधारा के मोर्चे पर कभी नहीं हारे. इसीलिए, लड़ाई जारी है."

मारीन के मुताबिक हिंसा के नए चरण में उन पुलिसकर्मियों और सैनिकों को निशाना नहीं बनाया जाएगा जो "जनहित का सम्मान" करते हैं. फिरौती के लिए आम नागरिकों को भी निशाना न बनाने का वादा किया गया है.

विद्रोहियों को शिकार

कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान दुके ने वेनेजुएला सरकार पर मारीन और अन्य विद्रोही कमांडरों को पालने पोसने का आरोप लगया है. 2018 में राष्ट्रपति बने दुके ने विद्रोहियों से सख्ती ने निपटने का एलान करते हुए कहा, "मैंने एक स्पेशल यूनिट के गठन का आदेश दिया है जो पूरे कोलंबिया में इंटेलिजेंस, इनवेस्टीगेशन और ट्रांसपोर्ट पर नजर रखते हुए इन अपराधियों को सजा दिलाएगी."

2010 में कोलंबिया के राष्ट्रपति बने खुआन मानुएल सांतोस ने फार्क विद्रोहियों को शांति समझौते तक लाने की ऐतिहासिक पहल की थी. सांतोस को इसके लिए नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला. लेकिन अगस्त 2018 में दुके के राष्ट्रपति कार्यालय संभालने के बाद से ही समझौते में दरारें पड़ने लगीं.

Kolumbien Präsident Juan Manuel Santos - zum Friedensabkommen zwischen Regierung und FARC
खुआन मानुएल सांतोस तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Robayo

पूर्व राष्ट्रपति खुआन मानुएल सांतोस मौजूदा हालात के बारे में कहते हैं, "90 फीसदी फार्क सदस्य शांति प्रक्रिया जारी रखना चाहते हैं. हमें बस उनसे किए गए वादे को निभाते रहने की जरूरत है. बात से पलटने वालों के साथ सख्ती से पेश आने की जरूरत है. शांति की लड़ाई नहीं थमनी चाहिए."

जमींदारों का वर्चस्व खत्म करने के लिए 1964 में विद्रोहियों ने कोलंबियाई क्रांतिकारी सेना (फार्क) बनाई. सरकार और कुलीन वर्ग के खिलाफ संघर्ष से शुरू हुआ ये विद्रोह बाद में घर घर तक पहुंच गया. विद्रोहियों पर नशीले पदार्थों से कमाई करने का भी आरोप लगने लगा. कोलंबिया की ज्यादातर सरकारों ने सेना और पुलिस की मदद से इस विद्रोह को खत्म करने की कोशिश की. 1964 से 2019 तक चले इस संघर्ष में 2,50,000 लोग मारे गए, 70 लाख विस्थापित हुए. लापता हुए 50,000 लोगों का आज भी कोई अता पता नहीं है.

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ओएसजे/एमजे (एपी, एएफपी)

(कोलंबिया में शांति की लंबी डगर)