पूरे शुक्रवार को खा जाएंगे समोआ वाले
२९ दिसम्बर २०११ये दो लाख लोग किसी टाइम मशीन में नहीं बैठने वाले हैं, बल्कि इनकी घड़ियां बदली जा रही हैं. प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश समोआ के कैलेंडर से 30 दिसंबर 2011 की तारीख हटने जा रही है. समोआ का द्वीप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के करीब है. लेकिन इसका टाइम जोन अमेरिका से मेल खाता है. इसलिए ऑस्ट्रेलिया के पास होने के बावजूद इसका समय एक दिन पीछे चलता है. ऑस्ट्रेलेशिया में बेहतर व्यापार के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.
समोआ के प्रधानमंत्री का कहना है, "न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ व्यापार करने में हमें दो दिन का नुकसान हो जाता है. जब यहां शुक्रवार होता है, वहां शनिवार शुरू हो चुका होता है. और रविवार को जब हम चर्च में होते हैं तो सिडनी और ब्रिसबेन में सोमवार का कारोबार शुरू हो चुका होता है." फिलहाल समोआ ऑस्ट्रेलिया से 21 और न्यूजीलैंड से 23 घंटे पीछे है. इस शुक्रवार को उड़ा देने के बाद वह न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंग्टन से एक और सिडनी से तीन घंटा आगे हो जाएगा.
समोआ के साथ साथ टोकेलाऊ द्वीप की घड़ियों में भी बदलाव आएगा. दरअसल टोकेलाऊ के सभी सरकारी दफ्तर समोआ में हैं. इसलिए उसे भी समोआ के फैसले का साथ देना पड़ रहा है. टोकेलाऊ केवल बारह किलोमीटर में फैला छोटा सा द्वीप है, जहां केवल 1200 लोगों की आबादी है. टोकेलाऊ के प्रमुख फोउआ तोलोआ ने रेडियो न्यूजीलैंड से कहा, "हम उम्मीद करते हैं की गुरुवार की रात लोग सोने जाएंगे और अगले दिन शनिवार, 31 दिसंबर को बिना किसी बड़े बदलाव के साथ उठेंगे.
समोआ में घड़ियां पहली बार नहीं बदल रही हैं. बल्कि इस बार घड़ियों की सुइयां अपनी असली जगह पर लौट रही हैं. 120 साल पहले समोआ और ऑस्ट्रेलिया के वक्त में खास फर्क नहीं हुआ करता था. फिर एक अमेरिकी व्यापारी ने समोआ के प्रमुखों को इस बात के लिए राजी कर लिया कि अगर समोआ और अमेरिका के वक्त में अंतर कम हो जाए तो अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बेहतर हो सकते हैं. इसके चलते देश की घड़ियों को ऑस्ट्रेलिया से लगभग एक दिन पीछे कर दिया गया.
समोआ अंतरराष्ट्रीय मानक समय जीएमटी से 11 घंटे पीछे है और दुनिया के उन देशों में गिना जाता है जहां सूरज सबसे देर से उगता है. लेकिन घड़ियों में फेरबदल होने के बाद यह उन देशों की सूची में आ जाएगा जहां दिन सबसे पहले शुरू होगा. सरकार ने तय किया है कि होटल में रह रहे लोगों से शुक्रवार के पैसे नहीं लिए जाएंगे. लेकिन कंपनियों को अपने कर्मचारियों को इस दिन का वेतन देना होगा.
बस अगर किसी ने अपनी शादी शुक्रवार को तय कर रखी होगी, तो...
रिपोर्ट: डीपीए, एएफपी/ईशा भाटिया
संपादन: ए जमाल