दिल्ली की ओर से ही खेलेंगे सहवाग
२५ अगस्त २००९यह विवाद उस वक़्त शुरू हुआ जब सहवाग ने आरोप लगाया कि चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद चलता है. साथ ही ताक़तवर खेल समिति का भी दख़ल रहता है. भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज़ सहवाग ने धमकी दी थी कि अगर चीज़ें नहीं बदली, तो वह दिल्ली की रणजी टीम छोड़ देंगे.
उधर जेटली ने खेल समिति की दखलंदाज़ी के आरोपों से इनकार से किया है, लेकिन यह आश्वासन दिया है कि चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जाएगा. उन्होंने सहवाग और गौतम गंभीर से मुलाक़ात के बाद यह बात कही.
जेटली ने कहा, "चयन प्रक्रिया निष्पक्ष हो, इसके लिए क़दम उठाने की ज़रूरत है. किसी तरह के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं दिया जा सकता है और आगे भी इसे सहन नहीं किया जाएगा. खिलाड़ियों के सभी सुझावों अच्छे इरादे से किए गए हैं. मैंने उनसे कहा है कि चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए क़दम उठाए जाएंगे. साफ़ तौर पर हमें ऐसे चयनकर्ताओं की ज़रूरत है जो अनुभवी हो, निष्पक्ष हो और पक्के इरादे वाले हों."
खेल समिति की भूमिका के बारे में जेटली ने कहा कि यह सिर्फ़ सुझाव और सिफ़ारिशें देने वाली संस्था है और अंत में फ़ैसले कार्यकारी समिति ही लेती है. उन्होंने बताया, "खेल समिति दिल्ली के विभिन्न क्लबों की संस्था है. वे टूर्नामेंट और लीग का आयोजन करते हैं. यह समिति सिर्फ़ सुझाव और सिफ़ारिशें देती है जिसमें चयनकर्ताओं की पसंद भी शामिल होती है. लेकिन फ़ैसले कार्यकारी समिति ही लेती है."
जेटली ने कहा कि शुक्रवार को हुई मुलाक़ात के दौरान खिलाड़ियों का रवैया सहयोगात्मक था. उनके मुताबिक़ मौजूदा विवाद को वह कोई संकट नहीं मानते हैं और न ही यह विचारों या फिर हितों का टकराव है. जेटली ने कहा, "उनके सुझाव हमें मंज़ूर हैं क्योंकि वे खेल के बेहतर प्रशासन के लिए हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य