टोगो की टीम फ़ुटबॉल टूर्नामेंट से हटी
८ जनवरी २०१०टीम बस पर हुए हमले से टोगो फ़ुटबॉल टीम सदमे में थी. “यह एक फ़ुटबॉल गेम है. अफ़्रीका में सबसे बड़े टूर्नामेंटों में से एक है और बहुत से लोग इसमें हिस्सा लेना चाहेंगे लेकिन मुझे नहीं लगता कि कोई अपनी जान देना चाहेगा.” टोगो टीम के सदस्य आपस में बातचीत के बाद ही किसी फ़ैसले पर पहुंचना चाहते थे. अब उन्होंने टूर्नामेंट से हटने का निर्णय लिया है.
शुक्रवार को अंगोला के शहर काबिंडा के पास हमलावरों ने टोगो की टीम बस को घेर लिया और ताबड़तोड़ फ़ायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान कई गोलियां बस के सामने वाले शीशे को भेदती हुई ड्राइवर को लग गई, उसकी मौके पर ही मौत हो गई. टोगो के स्ट्राइकर थोमास डोसेवी ने एक फ्रेंच रेडियो से कहा, ''जैसे ही हम अंगोला की सीमा पार कर रहे थे तभी फ़ायरिंग शुरू हो गई और क़रीब 15 मिनट तक चली. अपने आपको बचाने के लिए हमने वही किया जो हम कर सकते थे.''
पीछे सवार खिलाड़ी सीटों से उतर कर नीचे लेट गए फिर भी फ़ायरिंग जारी रही. फ्रांस के एक खेल अख़बार के मुताबिक घायल खिलाड़ियों में सेर्गे अकाकपो और रिजर्व गोलकीपर क्योडोवी ओबिलाले शामिल हैं. सात अन्य लोग भी घायल हुए हैं. टोगो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''फ़ायरिंग के बाद पुलिस जल्द हरकत में आई और इस वजह से हालात काबू में हुए.''
काबिंडा में तीन दशक से सक्रिय अलगाववादी संगठन लिबरेशन ऑफ इनक्लेव ऑफ़ काबिंडा ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है. उधर, हमले की तीखी निंदा करते हुए डोसेवी ने कहा कि उनकी टीम तो सिर्फ़ फ़ुटबॉल खेलने गई थी, राजनीति से उनका क्या लेना था जो उन्हें निशाना बनाया गया.
अफ़्रीकी महाद्वीप में इसी साल जून से फ़ुटबॉल विश्वकप होना है. लेकिन इस हमले ने वर्ल्ड कप से पहले सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. दस जनवरी से अंगोला में अफ़्रीकन नेशन्स कप भी होना है. इसमें टोगो को अपना पहला मुक़ाबला सोमवार को घाना के ख़िलाफ़ खेलना था. लेकिन अब मैच और टूर्नामेंट पर ही मुश्किलें आ गई हैं. सुरक्षा की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए शनिवार को अफ़्रीकी फ़ुटबॉल संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी अंगोला जाएंगे. टूर्नामेंट पर कोई फ़ैसला उसके बाद ही लिया जाएगा.
अंगोला ने उम्मीद जताई थी कि अफ़्रीकन नेशन्स कप की मेज़बानी को गृहयुद्ध ख़त्म हो जाने के दावे के रूप में पेश करेगा. लेकिन अब अंगोला की सरकार ने इसे आतंकवादी घटना क़रार दिया है. फ्रांस ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
इस हमले ने एक बार फ़िर लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकवादी हमले की याद दिला दी है. बीते साल मार्च में हुए उस हमले के दौरान श्रीलंकाई खिलाड़ियों को ले जा रही बस पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध फ़ायरिंग की. हमले में सात लोगों की मौत हुई जबकि पांच क्रिकेटर घायल हुए. इसके बाद आईसीसी ने पाकिस्तान में अगले दो सालों में होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले रद्द कर दिए. अंगोला के सामने भी अब कुछ ऐसी ही मुश्किलें आ खड़ी हुई हैं.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ओ सिंह
संपादन: एस जोशी