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टैक्स घोटाले में जर्मन चांसलर की जांच समिति के सामने पेशी

१९ अगस्त २०२२

जर्मन चांसलर एक आर्थिक गड़बड़ी के मामले में शुक्रवार को हैम्बर्ग विधानसभा की एक कमेटी के सामने पेश हुए हैं. टैक्स फ्रॉड के मामले में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठे हैं. इसमें सरकार को अरबों यूरो का नुकसान हुआ था.

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विधानसभा की जांच समिति के सामने चांसलर की पेशी
विधानसभा की जांच समिति के सामने चांसलर की पेशीतस्वीर: Christian Charisius/dpa/picture alliance

हैम्बर्ग विधायिका की जांच समिति के सामने शॉल्त्स दूसरी बार पेश हुए हैं. समिति यह पता लगाने की कोशिश में है कि क्या स्थानीय राजनेताओं ने बैंक को अरबों यूरो के टैक्स छूट हासिल करने में मदद की थी. ओलाफ शॉल्त्स 2011 से 2018 के बीच हैम्बर्ग के मेयर थे. इसके बाद वो चांसलर अंगेला मैर्केल की कैबिनेट में वित्त मंत्री बने.

2017 में यह मामला पहली बार सामने आया था. इसमें कई लोगों ने डिविडेंट डे के आसपास कंपनी के शेयरों की तेजी से अदला बदली कर एक ही भुगतान के लिये कई बार टैक्स छूट का दावा किया. जर्मनी के इस घोटाले में अब तक दर्जनों लोगों पर आरोप लगे हैं. इनमें बैंकर, स्टॉक ट्रेडर, वकील और कंसल्टेंट शामिल हैं.

टैक्स वसूली रोकने में राजनीतिक हस्तक्षेप

जांच समिति इस बात का पता कर रही है स्थानीय वित्त अधिकारियों ने 2016 में निजी बैंक एम एम वारबुर्ग से 4.7 करोड़ यूरो का टैक्स हासिल करने की कोशिश क्यों छोड़ दी. बैंक को आखिरकार मैर्केल के दौर में संघीय सरकार के दबाव बनाने पर करोड़ों यूरो की रकम चुकानी पड़ी. जर्मन मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक सरकारी जांच अधिकारियों ने हैम्बर्ग के मेयर रहने के दौरान शॉल्त्स के ईमेल खाते से इस घोटाले से जुड़े मेलों की जांच की है.

शॉल्त्स पर घोटाले में मेयर रहते राजनीतिक दखल का आरोप
शॉल्त्स पर घोटाले में मेयर रहते राजनीतिक दखल का आरोपतस्वीर: Christian Charisius/dpa/picture alliance

शॉल्त्स से पूछताछ ऐसे वक्त में हो रही है जब वो पहले ही अपने पहले छह महीनों के कार्यकाल के बाद लोकप्रियता में गिरावट देख रहे हैं. यूक्रेन युद्ध में उनके कमजोर रुख को लेकर उनकी आलोचना  होती रही है. चांसलर सर्दियों में ऊर्जा की कमी की आशंका दूर करने और लोगों को भरोसा दिलाने के लिए भी जूझ रहे हैं. इसके साथ ही बर्लिन में फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के होलोकॉस्ट संबंधी बयान पर तुरंत जवाब नहीं  देने के लिए भी उनकी कड़ी आलोचना हुई है.

साढ़े तीन घंटे की पूछताछ और चांसलर की ना

विधान सभा की जांच समिति का काम राजनीतिक होता है और सरकारी जांच अधिकारियों के विपरीत यह आपराधिक नहीं बल्कि राजनीतिक जिम्मेदारी तय करता है. जांच समिति यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या मेयर शॉल्त्स और उनके उत्तराधिकारी ने टैक्स अधिकारियों के फैसले को प्रभावित किया था. चांसलर इससे मना कर रहे हैं, लेकिन वह कुछ बैठकों में हुई बातों को भूलने की बात भी कह रहे हैं.

विपक्ष को चांसलर की बातों पर भरोसा नहीं है. उसने उनकी विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया है. जर्मन संसद में विपक्ष के नेता फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा है कि यदि मामला अपने शहर के एक बड़े बैंक के 10 करोड़ यूरो के टैक्स का हो, तो उसके बारे में हुई बात इंसान कतई नहीं भूलता.

साढ़े तीन घंटे की पूछताछ के बाद चांसलर अपने बयान पर अडिग रहे कि मामले में कोई राजनीतिक हत्सक्षेप नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, "मैं भी सिर्फ इंसान हूं, और मैं समझता हूं कि अब यह कहने का समय है कि मामले में कुछ नहीं था. "

फलस्तीनी राष्ट्रपति के बयान पर तुरंत जवाब नहीं देने के लिये भी शॉल्त्स की आलोचना हुई
फलस्तीनी राष्ट्रपति के बयान पर तुरंत जवाब नहीं देने के लिये भी शॉल्त्स की आलोचना हुईतस्वीर: Wolfgang Kumm/dpa/picture alliance

अपनी बात पर बने रहने की रणनीति

शॉल्त्स के प्रवक्ता स्टेफेन हेबेस्ट्राइट ने बुधवार को पत्रकारों को आश्वस्त किया था कि चांसलर कमेटी के सवालों का जवाब देंगे और उनके पास छिपाने को कुछ भी नहीं है. शॉल्त्स ने पिछले हफ्ते कहा, "बड़ी संख्या में पेशी और बड़ी संख्या में फाइलों ने सिर्फ एक ही नतीजा दिया है कि इसमें राजनीतिक प्रभाव का कोई इस्तेमाल नहीं हुआ. मैंने यह बात पहले भी कही, फिर कहूंगा."

हालांकि ऐसी अफवाहें घुमड़ रही हैं कि वारबुर्ग बैंक के तब प्रमुख रहे क्रिश्टियान ओलेरियस से उनकी मुलाकात के कुछ ही देर बाद वारबुर्ग के बारे में फैसला लिया गया. शॉल्त्स ने हैम्बर्ग के टैक्स अधिकारियों पर वारबुर्ग के मामले में दबाव डालने से इनकार किया है लेकिन हाल के दिनों में उन पर कुछ छिपाने के आरोप लग रहे हैं. जर्मन मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक जांचकर्ताओं ने शॉल्त्स के पूर्व ऑफिस मैनेजर जनेट श्वामबैर्गर के ईमेलों को भी जब्त किया है. उन्हें उम्मीद है कि इससे इस मामले में नई जानकारी सामने आ सकती है.

एनआर/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)