टेनिस के आसमान से जेल की कोठरी तक पहुंचे बोरिस बेकर
छह ग्रैंड स्लैम विजेता बोरिस बेकर को दो साल कैद की सजा मिली है. ब्रिटेन की कोर्ट ने उन्हें 2017 में दिवालिया घोषित करने से जुड़े मामले में सजा दी है. जानिए, टेनिस के आसमान का चमकता सितारा कैसे जेल की कोठरी तक पहुंच गया.
दो मामलों में सजा
54 साल के बोरिस बेकर को आधी सजा साउथवार्क क्राउन कोर्ट ने अपने कारोबारी खाते से बड़ी रकम के ट्रांसफर की वजह से मिली है. वह जर्मनी में अपनी संपत्ति घोषित करने में भी नाकाम रहे और 825,000 यूरो के कर्ज और टेक फर्म में शेयरों की बात छिपाई.
20 मामलों में बरी
इसी महीने की शुरुआत में उन्हें 20 आरोपों में बरी कर दिया गया था. इनमें से 9 मामले तो ट्रॉफियों और मेडलों को सौंपने से जुड़े थे जो उन्होंने अपने चमचमाते करियर के दौरान जीते थे. बेकर ने ज्यूरी से कहा कि वो नहीं जानते कि उनके मेडल और ट्रॉफी कहां हैं.
ना अफसोस, ना दुख, ना अपील...
सजा सुनाये जाते वक्त बोरिस बेकर के चेहरे पर कोई भाव नहीं था. ना अफसोस, ना दुख ना ही कोई और. उन्होंने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ना ही ये कहा है कि वो इस फैसले पर अपील करेंगे या नहीं.
तलाक और शाहखर्ची में गई कमाई
टेनिस के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी बेकर ने ज्यूरी को बताया कि कैसे इनाम में जीती हुई 5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रकम का ज्यादातर हिस्सा उनके महंगे तलाक, बच्चों के रख-रखाव और उनकी खर्चीली जीवनशैली की भेंट चढ़ गया. ऊपर की तस्वीरें अलग अलग समय में उनकी प्रेमिकाओं और बीवियों की हैं.
शादी की अंगूठी भी सौंपी
जर्मन खिलाड़ी बोरिस बेकर 2012 से ही ब्रिटेन में रह रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपनी संपत्ति को लेकर ट्रस्टियों के साथ पूरा सहयोग किया था और यहां तक कि अपनी शादी की अंगूठी भी दे दी थी.
2017 में दिवालिया
2017 में मायोर्का की एक आलिशान इस्टेट के लिए 30 लाख पाउंड से ज्यादा का कर्ज नहीं चुकाने पर उन्हें दिवालिया घोषित किया गया. तस्वीर में दिख रही उनकी पहली पत्नी बारबरा बेकर ने ऐसा होने पर हैरानी जताई थी.
बकायों का बोझ
ब्रिटेन आने से पहले वो मोंटे कार्लो और स्विटजरलैंड में रहे. बेकर के मुताबिक उनकी आर्थिक जिम्मेदारियों में विंबलडन में 22,000 पाउंड मासिक किराये पर लिया एक घर भी है. उन पर स्विस सरकार के भी करीब 51 लाख डॉलर बकाया हैं. इसके अलावा जर्मनी में 10 लाख यूरो की टैक्स देनदारी साल 2002 से ही बाकी है.
घटती गई कमाई
बोरिस बेकर मौजूदा नंबर वन खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के कोच रहे हैं. टीवी पर स्पोर्ट्स कमेंटेटर के अलावा प्यूमा जैसी कंपनियों के ब्रैंड एंबेसडर के रूप में भी उन्होंने पैसे कमाए. हालांकि बेकर का कहना है कि 1999 में रिटायरमेंट के बाद उनकी कमाई घटती चली गई.
सबसे युवा विंबलडन विजेता
1985 में बेकर ने 17 साल की उम्र में विंबलडन का सिंगल्स खिताब जीत कर हलचल मचा दी थी और वो पुरुषों के वर्ग में ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी थे. इसके अगले साल भी उन्होंने यह विंबलडन जीता और फिर तीसरी बार 1989 में. यह तस्वीर 1986 की है.
टेनिस खिलाड़ी, कमेंटेटर, कोच
दो बार ऑस्ट्रेलियन ओपन और एक बार यूएस ओपन जीतने वाले बोरिस बेकर 1991 में दुनिया के शीर्ष टेनिस खिलाड़ियों में सबसे ऊपर थे. रिटायरमेंट के बाद वो बीबीसी में कमेंटेटर बने और फिर 2013 में जोकोविच के कोच बन कर कोर्ट पर लौटे. 2016 में अलग होने तक जोकोविच की झोली में छह ग्रैंड स्लैम आ चुके थे.