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जर्मन भाषा की शिक्षा पर ज़ोर

२६ फ़रवरी २००८

अगर कवि को जानना हो, तो कवि के देश में जाना पड़ेगा, अगर काव्य समझना हो, तो काव्य के देश में जाना पड़ेगा - महान जर्मन कवि गोएथे ने अपनी एक कविता में कहा था. सारी दुनिया में फ़ैले गोएथे संस्थान - भारत में जिन्हें मैक्सम्युलर भवन के रूप में जाना जाता है. संस्कृति के देश के रूप में जर्मनी को विश्व

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भाषा की शक्ति
भाषा की शक्ति

��र में ले जाते हैं - और इस संदर्भ में एक मुख्य उपकरण है जर्मन भाषा.

हाल में जर्मन विदेश मंत्री फ़्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने गोएथे संस्थानों व जर्मन स्कूलों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की है. भारत में जर्मन भाषा की शिक्षा के क्षेत्र में कौन सी चुनौतियाँ सामने आ रही हैं? सुनिए इस संदर्भ में हमारा विशेष कार्यक्रम.