गद्दाफी की सेना को बलात्कार के लिए वियाग्रा
२९ अप्रैल २०११संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बंद दरवाजों के पीछे लीबिया के मामले पर हुई सुरक्षा परिषद की इस बैठक में कई राजदूतों ने हिस्सा लिया. बैठक में शामिल कई राजदूतों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अमेरिका राजदूत सूजन राइस ने गद्दाफी के सैनिकों के यौन हिंसा के बारे में आ रही खबरों पर चर्चा के दौरान वियाग्रा देने के मामले को उठाया. नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक राजदूत ने कहा, "बैठक में राइस ने ये मामला उठाया लेकिन और किसी ने इस पर कुछ नहीं कहा."
यौन अपराधों के बारे में सबसे पहले एक ब्रिटेन के अखबार ने खबर दी थी. फाइजर कंपनी की बनाई दवा वियाग्रा का इस्तेमाल नपुंसक लोगों के इलाज के लिए किया जाता है. राजदूतों का कहना है कि इस बात में सच्चाई है कि सैनिकों को वियाग्रा दिए गए हैं. ये इस बात का संकेत है कि सैनिकों को उनके कमांडर इस बात के लिए बढ़ावा दे रहे हैं कि विद्रोहियों का समर्थन करने वाले इलाके के लोगों को डराने के लिए बलात्कार करें. यह एक युद्ध अपराध का मामला बनता है.
कई राजदूतों ने कहा कि अमेरिकी राजदूत राइस ने वियाग्रा देने के आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया. वे मानते हैं कि ये बात दुनिया के उन देशों को समझाने की भी कोशिश है जो लीबिया की जंग पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि ये बताने की कोशिश की जा रही है कि लीबिया में केवल गृहयुद्ध नहीं हो रहा है बल्कि गद्दाफी अपने सेना को जघन्य अपराधों के लिए आदेश देने से भी नहीं डर रहे हैं.
बलात्कार एक हथियार
राजदूतों का कहना है कि राइस का बयान मुख्य रूप से भारत, रूस और चीन जैसे देशों को लक्ष्य बना कर दिया गया. इन देशों में नाटो के नेतृत्व में चल रही लीबिया पर कार्रवाई के असर पर आशंका जताई है. इन देशों को डर है कि यहां चल रही झड़पें लंबे गृहयुद्ध में बदल जाएंगी जिनमें बड़ी संख्या में आम लोगों की मौत होगी. सुरक्षा परिषद के ज्यादातर सदस्य देशों ने उम्मीद की थी कि गद्दाफी की सरकार तुरंत गिर जाएगी. युद्ध के लंबा खिंचने से भारत, रूस और चीन की निराशा बढ़ेगी.
जंग के दौरान बलात्कार का हथियार के रूप में इस्तेमाल संयुक्त राष्ट्र के लिए बड़ी चिंता का सबब बन रहा है. पिछले साल महासचिव बान की मून ने एक जंग के दौरान यौन अपराधों के मामलों को देखने के लिए एक विशेष राजदूत के रूप में मार्गट वॉल्सट्रॉम की नियुक्ति की. इस महीने की शुरूआत में वॉलस्ट्रॉम ने लीबिया पर पारित दो नए प्रस्तावों में यौन हिंसा का जिक्र न करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की आलोचना की.
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय पहले से ही इस बात की जांच कर रहा है कि क्या गद्दाफी की सेना ने अपने देश में ज्यादा आजादी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान युद्ध अपराध किए हैं. इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई ने ही देश में गृहयुद्ध का डंका बजा दिया.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः एमजी