खेलने के बाद खिलाएंगे दादा
९ जुलाई २००९सौरव गांगुली ने ख़ुद इस बात के संकेत दिए कि वह क्रिकेट की संस्थाओं से जुड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि संन्यास लेने के बाद भी वह क्रिकेट से अलग नहीं रहना चाहते. बुधवार को 37 साल के हुए सौरव गांगुली ने कहा कि वह क्रिकेट ग्राउंड से भले ही बाहर हो चुके हों लेकिन खेल प्रशासक के तौर पर क्रिकेट के साथ बने रहना चाहते हैं.
मुंबई में गांगुली ने कहा, "मैंने छह महीने पहले क्रिकेट खेलना छोड़ दिया है. मैं क्रिकेट से जुड़ा रहना चाहता हूं. बंगाल में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और मैं उनका ख़्याल रखना चाहता हूं."
पश्चिम बंगाल में क्रिकेट एसोसिएशन का एक ख़ेमा चुनाव में सौरव गांगुली को पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के ख़िलाफ़ मैदान में उतारना चाहता है. इसके बाद बीसीसाई के दरवाज़े भी गांगुली के लिए खुल सकते हैं. इस तरह साल 2014 में पूर्वी ज़ोन का नंबर आना है और उस वक़्त सौरव गांगुली भी बीसीसीआई अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि इससे पहले नियमों के तहत उन्हें कम से कम दो बार बोर्ड की जनरल बॉडी मीटिंग में हिस्सा लेना होगा.
हालांकि गांगुली अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं बंगाल क्रिकेट का एक हिस्सा बनना चाहता हूं. मैं एक वक़्त पर एक क़दम उठाना चाहता हूं. मुझे नहीं पता कि इसके आगे क्या होगा."
दूसरी तरफ़ जगमोहन डालमिया ने इन ख़बरों पर ज़्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी और कहा कि उन्हें कोई फ़िक्र नहीं. डालमिया ने कहा, "मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है. यह एक विवाद खड़ा करने की कोशिश के तहत किया जा रहा है और मुझे इससे कोई मतलब नहीं."
सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट का कमबैक किंग कहा जाता है. हाल के सालों में कई बार उनकी क्रिकेट टीम से छुट्टी की गई लेकिन वह हर बार बुलंद हौसलों के साथ टीम इंडिया में लौटे. लेकिन आख़िरकार पिछले साल उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकट से संन्यास ले लिया. वह भारत के सबसे सफल कप्तान माने जाते हैं और समझा जाता है कि उन्होंने टीम में नए तेवर भरे. गांगुली ने 113 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 7,212 रन बनाए. उन्होंने 311 वनडे मैच भी खेले, जिनमें 11,363 रन बनाए थे. गांगुली इन दिनों आईपीएल की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ए कुमार