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कुंबले को मोहाली में खेलने का भरोसा

१४ अक्टूबर २००८

भारतीय कप्तान अनिल कुंबले को भरोसा है कि उनकी चोट 17 अक्तूबर से पहले पूरी तरह ठीक हो जाएगी और वह दूसरे टेस्ट में खेल पाएंगे. हालांकि ख़राब फ़ॉर्म और संन्यास के दबाव के बीच चोट ज़रा ज़्यादा ही दर्द दे रहा है.

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जम्बो को भरोसातस्वीर: AP

भारतीय कप्तान को भरोसा है कि मोहाली में टेस्ट मैच शुरू होगा तो वह पूरी तरह फ़िट रहेंगे. कंधे की चोट की वजह से कुंबले बैंगलोर टेस्ट में अच्छी तरह फ़ील्डिंग नहीं कर पाए थे.

कुंबले ने कहा कि वह पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं और अबी दूसरा टेस्ट शुरू होने में तीन दिन बाक़ी है. उन्होंने कहा कि इस पर बारीकी से नज़र रखा जाएगा.

बैंगलोर में कुंबले का प्रदर्शन बहुत ख़राब रहा और वह कोई भी विकेट नहीं ले पाए. अब तक सिर्फ़ तीन ऐसे मौक़े आए हैं, जब कुंबले किसी टेस्ट में विकेट नहीं ले पाए हों. उन्होंने दो बार इस मैच में कैच भी छोड़ा.

भारत के जिन सीनियर खिलाड़ियों पर संन्यास का दबाव है, उसमें सबसे ज़्यादा उम्र के कप्तान कुंबले ही हैं. हालांकि वह भारत के सबसे बड़े मैच विनर रहे हैं लेकिन ख़राब प्रदर्शन के दौर में उनके ख़िलाफ बयानबाज़ी भी हो रही है. पूर्व प्रमुख चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने कहा है कि अगर कोई खिलाड़ी पूरी तरह फ़िट नहीं है तो उसे नहीं खेलना चाहिए.

इससे पहले सचिन तेंदुलकर अपना अर्धशतक पूरा नही कर पाए और 49 रनों पर व्हाईट की गेंद पर मैथ्यू क्लार्क ने उनका कैच लपक लिया. सचिन ने अपनी पारी में 4 चौके जमाए. इस तरह वह ब्रायन लारा के सबसे ज़्यादा टेस्ट रिकॉर्ड से सिर्फ़ 14 रन पीछे छूट गए और इसे तोड़ने के लिए उन्हें कम से कम तीन दिन का इंतज़ार करना होगा.

Sachin Tendulkar Cricket Spieler Indien
थोड़ा और इंतज़ारतस्वीर: AP

बैंगलोर टेस्ट के आख़िरी दिन ख़राब रोशनी के कारण मैच कुछ देर के लिए रोकना पड़ा. दूसरी पारी में 299 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय पारी को शुरूआत में ही झटके लगे. लेकिन सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की महत्वपूर्ण साझेदारी और बाद में गांगुली और लक्ष्मण की बदौलत भारत ये मैच बचाने में सफल रहा. वीवीएस लक्ष्मण ने पांच चौकों की मदद से नाबाद 42 रन बनाए जबकि सौरव गांगुली ने 26 रनों की अपनी पारी में 2 चौके जड़े.

दूसरी पारी में भारत को मैच जीतने के लिए 299 रन चाहिए थे लेकिन पहले वीरेन्द्र सहवाग और फिर राहुल द्रविड़ के सस्ते में आउट हो जाने से भारतीय पारी संकट में नज़र आने लगी थी.गौतम गंभीर ने 29 रनों की पारी खेली लेकिन जॉनसन द्वारा उन्हें बोल्ड किए जाने से भारत की मुश्किलें बढ़ गई. उस समय भारत का स्कोर तीन विकेटों के नुक़सान पर 77 रन था. लेकिन फिर क्रीज़ पर आए तेंदुलकर और लक्ष्मण की जो़ड़ी ने भारत को स्थिरता प्रदान की और संभल कर खेलते हुए 61 रन जोड़े.

ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 6 विकेट खोकर 228 रन बना कर पारी घोषित कर दी थी. ऑस्ट्रेलियाई पारी में माइक हसी ने 31 और शेन वॉटसन ने 41 रन बनाए. पहली पारी में 4 ऑस्ट्रेलिया के 4 विकेट झटकने वाले ईशांत शर्मा दूसरी पारी में भी 3 विकेट लेने में सफल रहे.पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 430 रन बनाए थे जिसके जवाब में भारत की पहली पारी 360 रनों पर सिमट गई थी.