काले धन पर सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एसआईटी
४ जुलाई २०११सुप्रीम कोर्ट ने काला धन मामले में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन किया है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी पी जीवन रेड्डी की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी)का गठन किया गया है. विदेशी बैंकों में जमा काले धन की जांच और उसे लाने की कोशिशों पर यह दल निगरानी रखेगा.
न्यायमूर्ति रेड्डी इस जांच दल के अध्यक्ष होंगे. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम बी शाह विशेष जांच दल के उपाध्यक्ष होंगे. न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति एस एस निज्जर की पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले में सरकार द्वारा गठित की गई उच्च स्तरीय समिति तुरंत एसआईटी से जुड़ जाए.
पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि वह उन सभी लोगों के नामों का खुलासा करे, जिन्हें काले धन से जुड़े मामले की जांच के तहत अधिकारियों ने कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि अधिकारी उन लोगों के नामों का खुलासा नहीं करें, जिनसे लिष्टेनश्टाइन बैंक समेत विदेशी बैंकों में धन जमा करने के मामले में पूछताछ नहीं की गई है. न्यायालय ने यह फैसला जाने-माने वकील राम जेठमलानी और अन्य लोगों की याचिका पर दिया है . याचिका में न्यायालय से मांग की गई थी कि वह सरकार को विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने का आदेश दे.
काला धन गंभीर समस्या
अदालत ने एसआईटी से कहा कि वह काले धन से जुड़े मामलों से किस तरह निपटेगी, इस बारे में एक व्यापक कार्ययोजना भी तैयार करके पीठ के समक्ष जमा करे. एसआईटी गठित करने के अपने फैसले को न्यायसंगत ठहराते हुए पीठ ने कहा कि कई पुराने मामलों में भी अदालतें अपने संवैधानिक दायित्व पूरे करने के लिए ऐसे फैसले देती आई हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि उसका दिन-प्रतिदिन जांच में शामिल होना मुश्किल है, क्योंकि न्यायालय के पास पर्याप्त संसाधन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि काले धन के मुद्दे को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है और यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसी संपदा देश में वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास करे और विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले लोगों को दंड दे.
रिपोर्टः पीटीआई/आमिर अंसारी
संपादनः एस गौड़