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इमरान का यू टर्न, कहा नहीं हुआ भेदभाव

११ अगस्त २००९

बॉलीवुड अभिनेता इमरान हाशमी ने अपनी बात बदलते हुए कहा है कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ, बल्कि विवाद ग़तलफ़हमी की वजह से पैदा हुआ. इमरान ने कहा था कि मुसलमान होने के कारण उन्हें एक फ़्लैट नहीं मिला.

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इमरान हाशमीतस्वीर: AP

महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग में दर्ज अपनी शिकायत पर सुनवाई के बाद इमरान हाशमी ने कहा, "मेरे और निबाना हाउसिंग सोसायटी के सदस्यों के बीच जो विवाद था सुलझ गया है. सोसायटी ने मेरे साथ मुसलमान होने के कारण कोई भेदभाव नहीं किया." हाशमी ने पिछले दिनों यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि उन्हें मुसलमान होने की वजह से इस हाउसिंग सोसायटी में घर नहीं दिया गया है.

हाशमी के वकील मजीद मेनन ने कहा कि जगजीत अरोड़ा नाम के एक ब्रोकर ने बॉलिवुड एक्टर को बताया कि मुसलिम होने की वजह से सोसायटी उन्हें फ़्लैट देने से इनकार कर रही है. मेमन के मुताबिक़ सोसायटी के सचिव ने इमरान को बताया कि उन्होंने ऐसा भेदभाव नहीं किया है और अगर कोई अपना फ़्लैट बेचना चाहते हैं तो इमरान उस सोसायटी में फ़्लैट ख़रीद सकते हैं.

सचिव डी यू सुवर्णा ने आयोग को बताया, "सोसायटी में और भी कई मुसलिम परिवार रहते हैं और धार्मिक आधार पर इमरान को फ़्लैट के ख़रीदने से कोई इनकार नहीं करेगा." सुनवाई के दौरान मौजूद सुवर्णा ने कहा कि अगर वह अपने फ़्लैट को बेचने का फ़ैसला लेते हैं, तो ख़रीददार के तौर पर इमरान हाशमी उनकी पहली पसंद होंगे जिन्हें उन्होंने अपने बेटे जैसा बताया.

31 जुलाई को इमरान हाशमी ने अल्पसंख्यक आयोग का दरवाज़ा खटखटाया और शिकायत दर्ज की कि मुंबई के पॉश पाली हिल इलाक़े में इस निबाना सोसायटी ने धार्मिक आधार पर उन्हें एनओसी देने से इनकार कर दिया जो वहां फ़्लैट ख़रीदने के लिए ज़रूरी है. लेकिन आयोग के मुताबिक़ अब दोनों पक्षों ने एक साथ बैठकर विवाद को सुलझा लिया है. इस सोसायटी में बॉलीवुड के जाने माने खलनायक प्रेम चोपड़ा के अलावा और भी कई फ़िल्म और टीवी अभिनेता रहते हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः महेश झा