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इनके बिना भला क्या फुटबॉल!

अनवर जमाल६ जून २००८

यूरो कप मुक़ाबलों में इस बार चार ऐसे खिलाड़ी भी होंगे, जिन्हें नज़रें तलाशेंगी लेकिन वो ग्राउंड पर नहीं होंगे. इनमें ब्रिटेन के स्टार बेखम शामिल हैं.

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तस्वीर: AP
Beckham in Pose
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डेविड बेखम

आज के ज़माने का फ़ुटबॉल डेविड बेखम के नाम के बिना अधूरा है. पिछले कई सालों में ये पहला मौक़ा होगा, जब किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय मुक़ाबले में बेखम नहीं दिखेंगे. कागज़ पर सबसे मज़बूत समझी जाने वाली इंग्लैंड की टीम इस बार यूरो कप के लिए क्वालीफ़ाई ही नहीं कर पाई है. डी के बाहर से फ्री किक पर गोल करने की कला में बेखम का कोई सानी नहीं है. इंग्लैंड के लिए एक सौ दो मैच खेल चुके बेखम को इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि पिछले यूरो कप में उन्होंने दो बार पेनाल्टी मिस की थी और संभवतः इंग्लैंड की हार की ये बड़ी वजह बनी.

Zinedine Zidane - Französischer Nationalspieler EM 2004
तस्वीर: AP

ज़िनेदिन ज़िदान

पूरे यूरो कप के दौरान फ्रांस के ज़िनेदिन ज़िदान को दर्शक तलाशेंगे और शायद स्टेडियम के किसी कोने में उन्हें बैठा देख भी लें. लेकिन ग्राउंड के अंदर तो ज़ीज़ू का जलवा नज़र नहीं आएगा. वर्ल्ड कप दो हज़ार छह में वो सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे और उन्हें गोल्डन बॉल भी मिला. मिडफ़ील्डर ज़िदान गेंद छकाने के दौरान अपने अराउंड टर्न के लिए दुनिया में मशहूर हैं. उन्हें पेले और माराडोना के बाद फ़ुटबॉल का सबसे बड़ा सितारा कहा जा रहा था लेकिन वर्ल्ड कप के दौरान इटली के माटाराज़ी पर सिर से वार करने के बाद उनकी छवि ख़राब हुई. हालांकि फ्रांस के लोगों ने ज़ीज़ू की इस बात को जल्द भुला दिया लेकिन शायद इस एक क्षण ने फ्रांस को वर्ल्ड कप ख़िताब से दूर कर दिया.

BdT 17.05.08 Torwart Oliver Kahn beendet seine Karriere
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ओलिवर काह्न

जर्मनी के महान गोलकीपर ओलिवर काह्न बड़े अर्से के बाद गोलपोस्ट के आस पास नहीं दिखेंगे. पिछले महीने ही उन्होंने भारत के मोहन बगान के ख़िलाफ़ अपने करियर का अंतिम मैच खेला. चौदह साल तक जर्मनी के लिए खेलने वाले काह्न ने टीम को मज़बूत करने में बड़ी भूमिका निभाई और अब उनकी जगह जेन्स लेमन गोलकीपिंग का ज़िम्मा संभालते दिखेंगे.

WM Fußball Portugal Luis Figo
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लुई फ़िगो

पुर्तगाल के लुई फ़िगो ने भी अपने बूट टांग दिए हैं. क्रिस्टानो रोनाल्डो जब पुर्तगाल के लिए संघर्ष करते दिखेंगे तो उनका सबसे मज़बूत साथी फ़िगो मैदान में नहीं होगा. अपने देश के लिए एक सौ सत्ताईस मैच खेलने वाले फ़िगो उन गिने चुने खिलाड़ियों में हैं, जो मैदान के दोनों छोर से गेंद ड्रिबलिंग करने में महारत रखते हैं. पर इस बार फ़िगो का जादू नहीं दिखेगा.