अमेरिका में साइबर हमला
१० मई २०१२अमेरिकी गृहमंत्रालय ने एक ऐसे अभियान का पर्दाफाश किया है जिसमें अमेरिका के प्राकृतिक संसाधन और गैस पाइप लाइन पर साइबर हमला करने की कोशिशें की जा रही थी. गृहमंत्रालय के प्रवक्ता पीटर बुगार्ड ने न्यूज एजेंसी एएफपी को भेजे मेल में बताया है कि अमेरिका का गृह मंत्रालय गैस और तेल क्षेत्र की कंपनियों के साथ साइबर हमले को नाकाम करने की दिशा में मार्च 2012 से ही काम कर रहा था. मेल में कहा गया है कि साइबर हमले में निजी कंपनियों के कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा था. इसमें कर्मचारियों को फर्जी मेल किया जाता था और उनसे गुप्त जानकारियां मांगी जाती थीं. इस बारे में 'क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर' ने रिपोर्ट भी प्रकाशित की जिसमें अमेरिका की ऊर्जा फर्म को कुछ विश्वसनीय अलर्ट भेजने की बात कही गई.
गृहमंत्रालय के मुताबिक इस तरह की कोशिशें दिसंबर 2011 से ही की जा रही थीं. और अब इसे जनहित में सार्वजनिक भी कर दिया गया है. बावजूद इसके हमले से जुड़ी कुछ बातें बेहद संदेवनशील हैं जिन्हे नहीं बताया गया है. अमेरिका के अंतरराजीय गैस एसोसिएशन के प्रवक्ता कैथी लैंड्री ने एएफपी को बताया कि उनकी कंपनियां इस बारे में सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, "हमें साइबर हमले के बारे में अंदाजा था लेकिन हमला कितना बड़ा होगा इसका पता नहीं था. अब हम यह सुनिश्चत करना चाहते हैं कि हर किसी को इसके बारे में पता चल सके."
सुरक्षा कंपनी एप्लाइड कंट्रोल सॉल्यूशन के मैनेजिंग पार्टनर जो वाइस का कहना है कि इस तरह के हमलों से साबित होता है कि अमेरिका की बेहद महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना कितनी असुरक्षित है. वाइस के मुताबिक इस तरह के हमलवार को फोरेंसिक सबूत न होने की वजह से पकड़ना भी मुश्किल काम है.
हालांकि इस तरह के हमलों के पीछे मकसद क्या है यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है. वाइस का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि हमला करने वाले लोग कंपनी के कामकाज से नाखुश हों या फिर यह महज दिखावे के लिए किया गया होगा.
वीडी,आईबी (एएफपी)